वायुसेना के अधिकारियों ने की जांच
अटरिया,(सीतापुर): अटरिया में हुए हादसे को तीन दिन बीत चुके है। इसके बाद भी रविवार को वायु सेना के अधिकारियों और सैनिकों ने मोर्चा संभाल रखा है। पूरे क्षेत्र को प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया है। तीसरे दिन भी भारी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे। कड़ी धूप के बाद भी लोगों की भीड़ जमा रही। घटना की जांच पूरी होने तक सेना के अधिकारी मौके पर डटे रहेंगे।
अटरिया थाना क्षेत्र के पंडितपुरवा व बुढवनपुरवा गांव के मध्य एक खेत में बीते शुक्रवार की शाम वायु सेना का हेलीकाप्टर ध्रुव 307 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में वायु सेना के विंग कमाडर टीएनबी सिंह, स्क्वाड्रन लीडर आर मनु, सार्जेट आर पाडा, जूनियर वारट आफिसर मुखर्जी, कॉरपोरल मनोज यादव, आरके सिंह और एलएससी नायडू शहीद हो गए थे। इनमें तीन अधिकारी बरेली, तीन छत्तीसगढ़ और एक पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखते है। शनिवार की शाम ही सभी शहीदों को पोस्टमार्टम केबाद बरेली मुख्यालय भेज दिया गया था। इस हादसे ने वायु सेना के अधिकारियों के साथ ग्रामीणों को भी खासा आहत किया है। रविवार को एक बार फिर सुबह से ही ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जमा होने लगी थी। सैन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद भी भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे। हर कोई हादसे को लेकर खासा आहत है। आलम यह था कि कड़ी धूप होने के बाद भी लोग प्रतिबंधित क्षेत्र के इर्द-गिर्द जमा रहे। सेना के अधिकारियों के तमाम बार हटाए जाने के बाद भी ग्रामीणों ने मोर्चा नहीं छोड़ा। इस दौरान अटरिया पुलिस भी मौके पर तैनात रहीं। उधर रविवार को वायु सेना का तीन सदस्यीय दल भी जांच के लिए पहुंचा था। उन्होंने तमाम बिंदुओं पर पुन: जांच की गई है।
भाजपा सांसद ने जताया शोक : मोहनलाल संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद कौशल किशोर रविवार को हेलीकाप्टर हादसे के संबंध में घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे। यहां सांसद ने वायु सेना के अधिकारियों से वार्ता की और इस दुखद हादसे पर शोक जताया। साथ ही मृतक आश्रितों को मदद मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया है। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात कर हादसे की जानकारी ली।
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चर्चा में रही दैनिक जागरण की खबरें
शुक्रवार को हुए हेलीकाप्टर हादसे के बाद से ही दैनिक जागरण में प्रकाशित हो रही खबरों की लोगों में चर्चा तेज हो गई है। रविवार को वायु सेना के अधिकारियों द्वारा लगाए गए कैंप से लेकर आस-पास के गांवों में लोग दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई खबरों को झुण्ड लगाकर पढते हुए नजर आए। सेना के कैंप में मौजूद अधिकारियों व पुलिस बल ने भी दैनिक जागरण की खबरें पढ़कर उनकी प्रशंसा की।