जल स्तर में आई कमी लेकिन कटान का सिलसिला जारी
सीतापुर: बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में कहर बरपाने वाली घाघरा, शारदा और चौका नदी ने गंाजरवासियों को कुछ राहत दी है। नदियों का जल स्तर पिछले चार दिन से लगातार घट रहा है। पानी घटने से जन जीवन कुछ हद तक पटरी पर लौट रहा है। लेकिन कटान का क्रम जारी रहने के कारण गांजरवासियों को कुछ परेशानी का सामना जरूर करना पड़ रहा है। फिर भी अगर अब जल स्तर में वृद्धि नहीं हुई तो बाढ़ पीड़ितों की समस्या को रहत अवश्य मिल जाएगी। शनिवार को जिले के रामपुर मथुरा क्षेत्र में बहने वाली चौका नदी खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर, जबकि घाघरा 50 सेंटीमीटर नीचे थी। वहीं घाघरा नदी के कटान में आठ घर नदी में समा गए। रेउसा क्षेत्र में नदी का जल स्तर कम होने के कारण लोगों को राहत मिली है वहीं कटान भी कम हुआ है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में उपजिलाधिकारियों ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनीं व राहत चेक का भी वितरण किया।
रामपुर मथुरा संवादसूत्र के अनुसार: शनिवार को जल स्तर में कमी दर्ज की गई। जल स्तर में आई कमी से क्षेत्रवासियों को थोड़ी राहत मिली। इससे ग्राम अंगरौरा, फतुल्लापुर के ग्रामीणों को बाढ़ से राहत मिलने के आसार हो गए हैं। जलस्तर में कमी तो आई है लेकिन कटान के कारण चार घर नदी में समा गए। जिनमें मुरली, पारस, चिंकू, छोटकन्नू हैं। इसके अलावा अनेक ग्रामीणों के घर व फसलें कटान की कगार पर हैं। कटान के भय से अनेक ग्रामीण अपने पक्के आशियाने खुद तोड़ रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए उपजिलाधिकारी ऐके सिंह ने आठ बाढ़ पीड़ितों को 5200 रुपये की चेक वितरित की। जिन ग्रामीणों को चेक का वितरण किया गया उनमें बाबादीन, भगवती, रामकुमार, राम गोपाल, रितू, राकेश, मंजनू, नजीर हैं। इस मौके पर तहसीलदार, लेखपाल सहित अन्य राजस्वकर्मी उपस्थित थे।
रेउसा संवादसूत्र के अनुसार: घाघरा नदी के जल स्तर में गिरावट के साथ ही कटान का सिलसिला जारी है। नदी के कटान में कोनी नदी के पास करीब दो एकड़ कृषि योग्य जमीन नदी में समा गई। एसडीएम बिसवां सर्वेश गुप्ता ने कटान प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने टिब्भा गांव पहुंचकर हेमराज, राकेश ब्रम्हा का 5200-5200 रुपया तथा मुन्नालाल को 70 हजार रुपये की चेक दी।
बैराजों से छोड़ा गया पानी
शनिवार को विभिन्न बैराजों से पानी छोड़ा गया जिसके अनुसार गिरजा- 1 लाख 1776 क्यूसेक, बनबसा- 58 हजार 552 क्यूसेक, शारदा बैराज से 1 लाख 25 हजार 29 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।