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सात मौतों से सहम गया इलाका

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 11:48 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 11:48 PM (IST)
सात मौतों से सहम गया इलाका

सीतापुर : शाम ढल ही रही है, घड़ी की सुइयों ने अभी पांच भी नहीं बजाए हैं, अचानक गांव में एक कानफोड़ू धमाका सुनाई देता है। धमाके की आवाज सुन हर कोई सिहर उठा। घरों में बैठे लोग बाहर की ओर भाग पड़े। खेतों से मवेशियों को लेकर घरों की ओर जा रहे लोग दूर धुआं और आग की लपटें उठते देखी, बस फिर क्या था हर कोई उसी ओर दौड़ पड़ा।

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अटरिया इलाके के पंडितपुरवा समेत आस पास के कई गांवों के हजारों लोग घटना स्थल की ओर दौड़ा जा रहा है। ग्रामीण मदद के लिए एक दूसरे से गुहार भी लगा रहे हैं। इसी बीच धुआं और कम होता है, मौके पर एकत्र हजारों ग्रामीण मौके को देखकर सहम गए। अधिकारियों को जैसे ही सूचना लगी वह तुरंत ही घटना स्थल पर पहुंचे और राहत कार्य में लग गए।

पुलिस ने घेर रखा था पूरा क्षेत्र

जिस स्थान पर घटना घटी थी वहां पुलिस बल ने पहुंचने के बाद सबसे पहले उसे घेर लिया। ग्रामीणों को घटना स्थल से दूर रखा। हालांकि ग्रामीण बार-बार वहां पहुंचे की कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस व प्रशानिक ने उन्हें जाने से रोक रखा था।

सेना के जवानों ने संभाला पूरा मोर्चा : घटना के करीब डेढ़ घंटे के बाद सेना के हेलीकाप्टर ने घटना स्थल पर लैंडिंग की। हेलीकाप्टर से विंग कमांडर समेत अन्य सेना के अधिकारी उतरे। उन्होंने पुलिसबल व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पूरा मोर्चा संभाल लिया तथा ग्रामीणों को घटना स्थल से काफी दूर कर दिया गया।

दूर तक गिरा हेलीकाप्टर का मलबा : हेलीकाप्टर में जिस दुर्घटना ग्रस्त हुआ था उस समय एक जोरदार धमाका हुआ था। धमाके के कारण हेलीकाप्टर के परखच्चे उड़ गए। जिस कारण से हेलीकाप्टर का मलबा मुन्नीलाल, रमेशचंद्र अवस्थी, भगौती अवस्थी सहित अन्य ग्रामीणों के खेतों में जा गिरा।

क्या है ध्रुव :अटरिया कस्बे में दुर्घटनाग्रस्त हुआ हेलीकॉप्टर वायु सेना का ध्रुव हेलीकॉप्टर है। यह हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित एक बहु उद्देशीय स्वदेशी हेलीकॉप्टर है। भारतीय वायु सेना और थल सेना के अलावा नागरिक सुविधाओं के लिए भी यह हेलीकॉप्टर देश भर में संचालित किए जा रहे हैं। इस हल्के और लड़ाकू हेलीकॉप्टर को नेपाल और इजरायल समेत अन्य कई देशों को भी निर्यात किया जा रहा है।

वायु सेना के अधिकारी बोले

अटरिया क्षेत्र में वायु सेना के ध्रूव हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों के बाबत जानकारी देते हुए भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि इस हेलीकॉप्टर ने बरेली से दोपहर बाद 3.53 बजे उड़ान भरी, रास्ते में 4.57 बजे यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना से पूर्व पायलट ने एक इमरजेंसी कॉल दी थी, लेकिन इसके तुरंत बाद ही रडार और रेडियो से उसका संपर्क टूट गया। अधिकारियों के अनुसार हेलीकॉप्टर में पायलट व सह पायलट के अलावा वायु सेना के पांच जाबांज जवान भी सवार थे।

एयर ट्रैफिक के नियम

आकाशीय मार्ग में हेलीकॉप्टर और हवाई जहाजों के भी उड़ने के खास नियम हैं। पूरब से पश्चिम दिशा की ओर उड़ने वाली फ्लाइट आकाश में सम अंकों यानी 20 हजार, 22 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरती है। इसके विपरीत पश्चिम से पूरब दिशा की ओर उड़ान भरने वाले विमान विषम अंकों यानी 21 हजार, 23 हजार फीट पर उड़ान भरते हैं। इससे आमने-सामने की टक्कर होने की संभावनाएं नगण्य हो जाती हैं। पश्चिम की ओर जाने वाली उड़ान पूरब की उड़ान से अधिक ऊंचाई पर होती है। इनके बीच कम से कम एक हजार फीट का अंतर होता है।

बोले अधिकारी

'एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर बरेली से इलाहाबाद जा रहा था। रास्ते में तकनीकी खराबी आने के कारण हेलीकाप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया और अटरिया के पंडितपुरवा गांव में गिर गया। इस हादसे में वायु सेना के सात लोगों की मौत हुई है, सभी शवों को निकाल लिया गया है, जिन्हें सेना अपने साथ ले गई है। एयरफोर्स के अधिकारियों ने पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई है।

- जयप्रकाश सिंह, जिलाधिकारी'

'वायु सेना के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद सभी जवानों के शवों को निकाल कर सेना के हवाले कर दिया गया है। जिन्हें लखनऊ ले जाकर पोस्टमार्टम के बाद सेना के अधिकारियों द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

- राजेश कृष्ण, पुलिस अधीक्षक'


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