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कंपाइल..प्रभावित हुए 450 गांव, मैरुंड 166

सिद्धार्थनगर : जनपद में बाढ़ की विभीषिका थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रभावित व मैरुंड गांवों

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 11:23 PM (IST)
कंपाइल..प्रभावित हुए 450 गांव, मैरुंड 166
कंपाइल..प्रभावित हुए 450 गांव, मैरुंड 166

सिद्धार्थनगर : जनपद में बाढ़ की विभीषिका थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रभावित व मैरुंड गांवों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रमुख नदियों के जल स्तर में भी वृद्धि जारी है। प्रशासनिक स्तर पर किए जा रहे उपाय पीड़ितों के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं। डीएम से लगायत एसडीएम, तहसीलदार व राजस्व कर्मियों के मेहनत में कोई कमी नहीं, बावजूद राहत व बचाव के इंतजाम पर्याप्त नहीं है। जनपद में अब तक प्रभावित गांवों की संख्या 450 पहुंच चुकी है। इसके अलावा मैरुंड हो चुके गांवों की संख्या 166 हो गई है। प्रभावित गांवों में जलजनित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं, फिर भी कछारवासियों को शुद्ध पानी मुहैय्या करा पाने में पूर्ति विभाग असहाय नजर आ रहा है।

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ड्रेनेज खंड कार्यालय में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष में प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार सायं 4 बजे तक वानगंगा नदी खतरे के निशान 93.420 के सापेक्ष 91.40 मीटर, जमुआर नाला 84.89 के सापेक्ष 87.10 मीटर, राप्ती नदी 84.900 के सापेक्ष 65.610 मीटर, बूढ़ी राप्ती 85.650 के सापेक्ष 88.440 मीटर, तेलार नाला 87.500 के सापेक्ष 86.70 मीटर, कूरा नदी आलमनगर 87.200 के सापेक्ष 86.80 मीटर, उस्का बाजार में 83.520 के सापेक्ष 95.060 मीटर, घोघी नदी 87.000 मीटर के सापेक्ष 87.62 मीटर पर बह रही है। जमुआर नाला के बढ़ते प्रभाव से सदर तहसील क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। दर्जनों गांवों के ग्रामीणों का घरों से निकलना दूभर हो गया है। उपजिलाधिकारी सदर डा. महेन्द्र कुमार के मुताबिक सदर तहसील क्षेत्र में एनडीआरएफ की तीन टीमें लगी हुई हैं। राहत व बचाव युद्ध स्तर पर जारी है। बर्डपुर संवाददाता के मुताबिक नौगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत बर्डपुर नम्बर 14 के कई टोलो में पानी घुस गया है। कई गांव के चारो तरफ बाढ़ का पानी ही पानी हो जाने से लोगो को भारी दिक्क्त का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान द्वारा जिला प्रशासन से बार बार नाव की मांग किये जाने के बाद भी अब तक नाव नही आने से लोगो में आक्रोश व्याप्त है। सदर तहसील के ग्राम पंचायत बर्डपुर न.14 के टोला लमतिहवा, तिलकहना, फसादीपुर अमौरा, खैराहवा सहित कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए है। जिला मुख्यालय से मात्र 3 किमी दूरी पर स्थित इन गांवों के लोगो का घरो से निकलना मुश्किल हो गया है। फायर सर्विस से ही इन गांवों तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। प्रधान प्रतिनिधि अमीरुल्लाह उ़र्फ पप्पू ने बताया कि बार बार सुचना देने के बाद भी प्रशासन कोई रूचि नही ले रहा है। तहसीलदार का कहना है कि नाव ही नही है तो कहा से दिया जाय लोगो का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। लोग जरूरी सामान के लिये तरस रहे है। वैसे भी ग्रामीण राम मिलन, संजीत , महेश ने प्रशासन से सहायता का अनुरोध किया है।

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सिद्धार्थनगर-गोरखपुर मार्ग बंद

उस्का बाजार : कूरा, बूढ़ी राप्ती व जमुआर नाले ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया है। क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर पानी ने 100 घंटे से बाढ़ की विभीषिका झेल रहे आमजन की मुसीबतों को बढ़ा दिया है। सबसे अधिक तबाही सोहांस क्षेत्र में है जहां सड़कों पर पानी बह रहा है। भलुहा, फुलवरिया, चनरैया, कर्छुलिया, बसावनपुर, कुकुरभुकवा ,गौरा आदि गांवों का सम्पर्क ब्लॉक मुख्यालय से चार दिनों से कटा हुआ है। पकडी क्षेत्र में चोरवर, सजनी, विशुनपुर आदि गांवों के बाहर बाढ़ का पानी फैला हुआ है। सिद्धार्थनगर-गोरखपुर मार्ग पर पकडी के पास एक किमी तक दो फिट से ऊपर पानी बह रहा है। परंतु लोग मजबूरी में जोखिम लेकर आवाजाही कर रहे हैं।

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रैट होल से सकते में ग्रामीण

कूरा नदी पर बने उस्का बाजार-चित्तापुर बांध पर गंगाधरपुर के पास आधा दर्जन स्थानों पर शुक्रवार को रैट होल से रिसाव होने से ग्रामीण सकते में रहे। प्रशासन ग्रामीणों के सहयोग से रिसाव रोकने में जुटा रहा। राप्ती नदी पर भुअई घाट पर तालनटवा गांव के पास बांध धंसने से ग्रामीण दहशत में हैं। यहाँ पडोसी जनपद महराजगंज का प्रशासन ग्रामीणों के सहयोग से बांध को दुरूस्त करने में शिद्दत से जुटा रहा।

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शहर में भी घुसा बाढ़ का पानी

कूरा नदी की उफान से नगर क्षेत्र का तीन चौथाई हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। राजेंद्रनगर, इंद्रा नगर, कृष्णा नगर, लोहिया नगर, कांशीराम नगर, आद्यानगर, सुभाष नगर वार्डो में पानी घुस गया है। मुख्य बाजार सहित थाना मार्ग, टैक्सी स्टैण्ड, गौशाला, बाबा हरिदास इंटर कालेज आदि जगहों पर पानी फैल गया है। नगर पंचायत अध्यक्ष हेमंत कुमार जायसवाल पूरे नगर में घूमकर बाढ़ पीडितों से मिलते रहे। समाजसेवी बलराम बरनवाल व सुरेश यादव ने भी नगर क्षेत्र में भ्रमण कर बाढ़ पीडितों का हाल जाना। नगर पंचायत प्रशासन की तरफ से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अनूठा पहल किया है। नपं अपने टैंकर में पानी भरकर वार्डो में पहुंचा रहा है। रहमत, बाढू, महेश, सुरेश आदि नागरिकों ने नपं प्रशासन के इस पहल की सराहना किया है।

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बांध पर पानी का दबाव बढ़ा

उस्का बाजार : लखनापार बांध पर पानी का दबाव ज्यादा बढ़ गया है । तिवारीडीह गांव के पास रैट होल शुक्रवार को बड़ी तबाही मचा देता परंतु एक ग्रामीण द्वारा अपनी झोपडी के पास रखे गए ईंटों के ढेर ने बचा लिया। दरअसल ग्रामीण पंचम ने बांध पर झोपडी बना रखा है। यहीं पर अपने प्रयोग के लिए लगभग 2 हजार ईंट रखा था। शुक्रवार को अचानक झोपडी के पास बांध की मिट्टी एकाएक धंसना शुरू हो गया। मिट्टी धंसते ही उसी गैप में स्वत: ईंट दबता गया और बहाव रूक गया।

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बांध टूटने से ग्रामीणों की सांसे अटकी

बांसी : नदियों के जलस्तर में जारी तेज वृद्धि ने शुक्रवार को बूढी राप्ती के दक्षिणी छोर पर बना अशोगवा-नगवा बांध सुबह 11 बजे सतवाढी गांव के सामने कट गया। इसके कटने से सतवाढी गांव के 8 घर जहां पानी में पूरी तरह समाहित हो गए वहीँ दो दर्जन गांवों पर भी खतरा मंडराने लगा है। बाँध के कटने से बूढी राप्ती का पानी तेजी से दक्षिण तरफ बसे बाँसी नगर की ओर बढ़ रहा है। संभावबा है कि रात तक में यह पानी रानीगंज तिराहे से लेकर सोंखर के बीच तक बाँसी- नौगढ़ एनएच मार्ग पर चढ़ जाएगा। इस पानी से धरहरा, पिपरा, मझगंवा, चांदेगड़िया, नरायनपुर, नवेला, विहार, भदही उ़र्फ मिश्रौलिया, चंवर ताल , मर्चा, नरकटहाँ, तारा गुजरौलिया, कम्हरिया खुर्द व बुजुर्ग , नगवा, खिरिया, तिघरा आदि गाँवों पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं।

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भूखे प्यासे तड़फते रहे बच्चे

बांध के काटने से सतवाढी, नवइला, नरकटहा आदि गांव के लोग बाँध पर शरण लिए हुए हैं। बाँध कटे 6 घंटे से अधिक हो चुके हैं पर प्रशासन की ओर से लोगों के खाने पीने का कोई इंतजाम अभी तक नही हो सका है। कई बच्चे बांध पर पानी व भूख से तड़पते दिखाई दिए। स्वयंसेवी संस्था के लोगों ने भी अभी तक कोई राहत कार्य नहीं शुरू किया है। इसको लेकर ग्रामीणों में व्यापक आक्रोश व्याप्त है।

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दो बांधो पर रिसाव, सहमे लोग

बांसी : नगर से होकर गए दो बांधो पर पानी का। रिसाव होने से नगरवासी भयभीत हो गए। बाँसी - नौगण मार्ग के पूर्वी छोर से होकर गये नरकटहा- सोनखर बाँध पर राजमहल के पास तीन स्थानों पर रिसाव हो रहा है। नदी का पानी बाँसी - नौगढ़ मार्ग पर बाँध के अंदर ़फैल रहा था। नगर वासियों का आरोप था कि ¨सचाई विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई पर वह अभी तक रिसाव रोकने ला कोई उपाय नहीं कर रहा है। इसी प्रकार। बांसी- इटवा मार्ग के पूर्वी तरफ से होकर गये बासी- डुमरियागांज बाँध से रतन सेन इंटर कालेज के सामने देवियापुर चौराहे के पास रिसाव हो रहा है। यह पानी सड़क के अंदर से होते हुए सीधे रतनसेन डिग्री कालेज के परिसर में ़फैल रहा रहा। तहसील प्रशासन को इसकी सूचना लोगों ने तो दी है पर अभी तक सीपेज रोकने का कोई इंतजाम विभाग द्वारा नहीं किया है। जिसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

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