सीएचसी का दर्जा, फिर भी विशेषज्ञ डाक्टरों का टोटा
सिद्धार्थनगर : नेपाल सीमा से सटे भारी आबादी के इलाज का जिम्मा उठाए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बर्डपुर
सिद्धार्थनगर : नेपाल सीमा से सटे भारी आबादी के इलाज का जिम्मा उठाए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बर्डपुर अव्यवस्थाओं के हवाले हो गया है। ऐसे में मरीजों व तीमारदारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्वीकृत पद के सापेक्ष डाक्टरों की तैनाती न होने से आमजन दुश्वारियां झेलने को मजबूर हैं।
बर्डपुर ब्लाक मुख्यालय पर स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को दो वर्ष पूर्व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिला, पर अब तक उसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। कार्यदायी संस्था की शिथिलता के चलते भवन अब तक विभाग को हैंडओवर तक नहीं हो सका है। सीएचसी का संचालन शुरू होता तो निश्चय ही विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती होती और लोगों को बेहतर इलाज का सपना पूरा होता। वर्तमान में एक प्रभारी चिकित्साधिकारी समेत दो डाक्टर की ही तैनाती है। महिला डाक्टर का न होना इस क्षेत्र की महिलाओं को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। सीएचसी का दर्जा पाने के बाद सर्जन, फिजीशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक व बेहोशी के डाक्टर की तैनाती नहीं हो सकी है। पीएचसी पर प्रतिदिन 100-150 मरीजों की भीड़ रहती है। बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा इस घनी आबादी के लोगों के सेहत का ख्याल रख पाने में विफल है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. प्रशांत अस्थाना का कहना है कि मौजूद साधन व संसाधन में ही मरीजों का उपचार किया जाता है। जहां तक सीएचसी भवन के हैंडओवर व विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती का सवाल है, वह विभाग के उच्चाधिकारियों के स्तर से ही समाधान संभव है।