नलकूप खराब, तालाबों में कैसे पहुंचे पानी
सिद्धार्थनगर : सूरज आग उगल रहा है। लू के थपेड़े से हर कोई आहत है। क्षेत्र के अधिकांश तालाब, पोखरे सूख
सिद्धार्थनगर : सूरज आग उगल रहा है। लू के थपेड़े से हर कोई आहत है। क्षेत्र के अधिकांश तालाब, पोखरे सूख चुके हैं। ¨सचाई का मौसम भी कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है, ऐसी स्थिति के बावजूद खराब नलकूपों का कोई पुरसाहाल नहीं है। नलकूपों से पोखरे, तालाबों को भरने की बात कौन करें, खेतों तक नलकूप से पानी पहुंचा पाना टेढ़ी खीर बना हुआ है। वजह क्षेत्र में साठ फीसदी सरकारी नलकूपों का गड़बड़ होना है।
तहसील क्षेत्र में नलकूप विभाग की उदासीनता के कारण किसान पहले ही समस्याओं से जूझ रहा है। शासन के कड़े रूख का अधिकारियों के ऊपर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है यही वजह है कि खराब नलकूपों की संख्या 60 फीसदी तक पहुंच गई है। जो नलकूप ठीक हैं उनमें अधिकतर खेतों में पानी इसलिए नहीं पहुंचा पा रहे हैं, क्योंकि कहीं टूटी नाली तो कहीं शिल्ट से पटी नालियां बाधा बनी हुई हैं। खेतों तक पानी पहुंचाने के उद्देश्य से क्षेत्र में 55 ट्यूबेल स्थापित हैं। मगर यह व्यवस्था ¨सचाई कार्य हेतु बेमतलब साबित हो रही है। खराब नलकूपों पर नजर डाले तो 155 डीजी अगया, 17 डीजी परसपुर, 22 केवटली नानकार, 156 जमौतिया, 76 भैंसहिया, 43 गहिरौला, 73 रठैना, 55 डीजी पिपरा राम लाल समेत लोहरौली, पेंदा, मिश्रौलिया, बढ़नी चाफा आदि नलकूप या तो गड़बड़ हैं या फिर इनकी पाइप लाइनें ध्वस्त हैं, टूटी नाली भी नलकूप की उपयोगिता पर पानी फेर रही हैं। रठैना, भैंसहिया नलकूप साल भर से खराब है। पिपरा रामलाल में पंप हाउस ही ध्वस्त पड़ा है। 155 डीजी सेमरी में लगा अगया का नलकूप का हर हिस्सा ध्वस्त है, कुलाबा टूटा हुआ है तो ट्रांसफार्मर का सिर्फ खोखा जमीन पर पड़ा है। पाइप लाइनें सारी खराब है। ऐसे में इस ¨सचाई में किसानों को सरकारी नलकूपों से लाभ मिल पाएगा कह पाना मुश्किल है।
बताते चले कि बढ़ती गर्मी के मद्देनजर सूखे तालाबों को भरने के लिए नलकूप विभाग को निर्देशित किया गया है, परंतु नलकूप ठीक ही नहीं है तो भला वह तालाब में कैसे पानी भरा जा सकेगा, यह उच्चाधिकारियों के लिए सोचनीय है।
नागरिकों में सुरेन्द्र कुमार, अनवार अहमद, बाबू रजा, अर¨वद कुमार, बाले, टीहुल, सुनोध, अकरम आदि ने नलकूप विभाग समेत प्रशासन से टयूबवेल की स्थिति ठीक कराने की मांग की है।