रवाना हुआ जायरीनों का जत्था
सिद्धार्थनगर : ईरान व इराक स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों की जियारत के लिए शिया बाहुल्य गांव हल्लौर
सिद्धार्थनगर :
ईरान व इराक स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों की जियारत के लिए शिया बाहुल्य गांव हल्लौर से जायरीनों का जत्था बुधवार की रात्रि रवाना हुआ। इस जत्थे में कुल 22 जायरीन शामिल रहे।
रवानगी से पहले कस्बा स्थित बड़े इमाम बाड़े में मजलिस का आयोजन हुआ। जिसमें इन धार्मिक स्थानों की विशेषता पर भरपूर रोशनी डाली गई। आखिरी कड़ी में मौलाना जमाल हैदर ने मजलिस को खिताब करते हुए कर्बला के शहीदों के मसाएब को बयान किए, जिसे सुनकर हर शैदाई की आंखें नम हो गई। मजलिस के बाद जायरीन की विदाई के लिए बड़ी तादाद में कस्बा वासी उमड़ पड़े। जियारत पर जाने वाले लोगों को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। सकुशल यात्रा के लिए सभी लोगों ने अल्लाह की बारगाह में दुआएं की। मालूम हो कि जायरीन का ये जत्था ईरान के मशहद, कुम, निशापुर, इराक के कर्बला व इसके बाद नजफ समेत मुकामी मुकद्दस जगहों पर जियारत करने के वास्ते जाएगा। जायरीन का ये काफिला चौदह अप्रैल को वतन वापस आएगा।
इससे पहले पेश ख्वानी नफीस सैयद व मजलिस की मरसिया अंबर बाबा व उनके हमनां ने पढ़ी। जत्थे में जमाल हैदर, सैयद अली, नजमुल हसन, खुर्शीद अब्बास, रज्जब अली, शफीक रजा, कुर्बान, कामयाब सहित कई महिलाएं भी शामिल रहीं।