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जो मरजी फातिमा की, वही खुदा की है : बेताब

सिद्धार्थनगर :मुसलमानों के रसूल हजरत मोहम्मद साहब की बेटी जनाब-ए-फातिमा •ाहरा की विलादत (जन्म दिवस)

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 10:51 PM (IST)
जो मरजी फातिमा की, वही खुदा की है : बेताब
जो मरजी फातिमा की, वही खुदा की है : बेताब

सिद्धार्थनगर :मुसलमानों के रसूल हजरत मोहम्मद साहब की बेटी जनाब-ए-फातिमा •ाहरा की विलादत (जन्म दिवस) पर कस्बा हल्लौर स्थित दरगाह जन्नतुल बकी में जश्न-ए-•ाहरा का आयोजन हुआ। खादिम अब्बास द्वारा आयोजित इस प्रोग्राम की सदारत (अध्यक्षता) मौलाना जुमा वसीम रजा जैदी करते शहजादी •ाहरा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बहन, बेटियों और महिलाओं से उनके बताए रास्ते पर चलने पर जोर दिया। निजामत (संचालन) अजीम अब्बास ने की। दो बजे रात्रि तक चली इस महफिल में मुल्क के ख्याति प्राप्त शायरों ने शिरकत करके बीबी •ाहरा की शान में कसीदे पढ़े। रात आठ बजे महफिल की शुरूआत कारी माहताब हैदर ने तिलावते कलाम पाक के साथ की। जिसके बाद आए हुए शायरों द्वारा अपने-अपने कलाम पेश करने का दौर शुरू हुआ। मशहूर शायर बेताब ने अपने अंदाज बया व एक से बढ़कर एक शेर की प्रस्तुति से प्रोग्राम में पूरा समां बांध दिया। जब ये शेर पढ़ा कि . रजी़ अल्लाह कहने से खुदा रा•ाी नही होता। जो मर•ाी फ़ातिमा की है वही मर•ाी खुदा की है।। तो पूरा हुजूम वाह-वाह कर उठा। इसी कड़ी में शायर खुर्शीद जफर ने पढ़ा कि .अली व फा़तिमा के घर के बच्चे शेर होते है। छुपा है रा•ा ये असगर तेरे मुस्कुराने में।। नफीस सैयद ने अपने मखसूस अंदाज में शेर पढ़ा कि .बहुत झण्डे उठाए हमने हाथों में मगर यारों। अलग ही शान है अब्बास का परचम उठाने में।। शायर शमशाद ने पेश किया कि .उसे भी दे दिया खल्लाके आलम ने पैयम्बर को। जो था इक गौहरे नायाब कुदरत के खजाने में।। शायर फलक ने अपने खास अंदाज में शेर पढ़ा कि.बिठाते हों जिसे अपनी जगह खुद हक के पैगम्बर। भला किस तरह उसकी हमसरी मुमकिन जमाने में।। शायर अजीम ने पढ़ा कि.पऐ ता•ाीम जिसकी खुद उठे महबूबे सुबहानी। नही सानी कोई जे़हरा का जमाने में।। शायर साबिर ने पढ़ा.सलामी देते थे जिस दर पे आके मुरसले आजम। मिला क्या तुझको ऐ जालिम जलाने में दरे जे़हरा।। शायरों में कमर, सच्जाद, मुमताज, फैजी, तकी, मीसम, हसन जमाल, अम्मार, अनवर मेंहदी, कायनात, जिगर आदि ने भी कसीदे पढ़े। अंत में मौलाना मौलाना जमाल हैदर ने तकरीर करते हुए बीबी •ाहरा की ¨जदगी पर भरपूर रोशनी डाली, कहा कि इनका पूरा जीवन याद-ए-इलाही व इबादत करने में ही गुजरा। महफिल में अजीम हैदर, कामयाब हैदर, जानशीन हैदर, मंगलू भाई, सलमान, आरिफ, विक्की, बीडी भारतीय, सुलतान, अमीर अब्बास, आबिद समेत बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे। अंत में आयोजक द्वारा सभी लोगों के प्रति शुक्रिया अदा किया गया।


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