छह घंटे बंद रहा रेलवे फाटक
सिद्धार्थनगर : जिला मुख्यालय के भीमापार रेलवे क्रा¨सग के अचानक बंद हो जाने से राहगीरों को काफी दिक्क
सिद्धार्थनगर : जिला मुख्यालय के भीमापार रेलवे क्रा¨सग के अचानक बंद हो जाने से राहगीरों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी। बिना किसी पूर्व सूचना के पटरी मरम्मत के लिए 6 घंटे बंद होने से जरूरतमंदों को गंतव्य पहुंचने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी। कई किलोमीटर का चक्कर लगाने के बाद ही उनका मकसद कामयाब हो सका।
नौगढ़ रेलवे स्टेशन के भीमापार रेलवे समपार फाटक बुधवार को प्रात: 9 बजे अचानक बंद कर दिया गया। लगभग एक घंटे तक राहगीर किसी ट्रेन के आने की दशा में क्रा¨सग बंद होने की आस में खड़े थे। बाद में पता चला कि क्रा¨सग के बीचोबीच पटरी को उखाड़कर पुन: मरम्मत किया जाना है। धीरे-धीरे 6 घंटा बीता और अपरान्ह 3 बजे जाकर फाटक खुला और आवागमन बहाल हो पाया। इस 6 घंटे में उत्तर दिशा से भारी तादाद में अधिकारियों, कर्मचारियों व अन्य जरूरतमंदों को कलेक्ट्रेट, विकास भवन, जिला अस्पताल, पुलिस आफिस आदि सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों व प्रतिष्ठानों पर पहुंचने की जल्दी थी, वहीं दक्षिणी दिशा में राहगीरों को शहर में आने की जल्दबाजी थी। शुरूआत के कुछ घंटे तो राहगीर समझ ही नहीं पाये। जब जानकारी हुई तो वह वैकल्पिक राह की तलाश में जुट गए। इसके लिए अशोक मार्ग व खजुरिया रोड के सहारे अपने-अपने स्थानों पर पहुंचे। रोडवेज की बसें भी शहर होते हुए अशोक मार्ग के सहारे बांसी, बस्ती, लखनऊ आदि के लिए प्रस्थान की। इस स्थिति के बाद खजुरिया रोड पर जाम भी लग गई थी। किसी तरह दोनों तरफ के चालकों के सूझबूझ से आवागमन बहाल हो सका। उत्तर दिशा से पहुंचा एंबुलेंस भी शहर के रास्ते मरीज को जिला अस्पताल पहुंचाया। दो पहिया वाहन के चालकों ने सिसहनिया वार्ड के सहारे उस्का रोड होते हुए अशोक मार्ग पर पहुंचकर गतंव्य को रवाना हुए। भीमापार ग्राम के निवासी शिवेन्द्र पांडेय का कहना है कि रेलवे प्रशासन को पूर्व में सूचना दे देना चाहिए था, जिससे राहगीर पहले से ही विकल्प तलाश कर समय से अपने-अपने स्थान पहुंच जाते। रेल पथ निरीक्षक प्रदीप का कहना है कि इस कार्य की जानकारी तकनीकी विभाग के अधिकारी को ही थी।