साल भीतर ढही नाली, गुणवत्ता पर उठे सवाल
सिद्धार्थनगर : विकास कार्यों में गुणवत्ता की पोल साल भीतर निर्मित नाली के ढहने से ही खुल गई है। इसके
सिद्धार्थनगर : विकास कार्यों में गुणवत्ता की पोल साल भीतर निर्मित नाली के ढहने से ही खुल गई है। इसके निर्माण के लिए संबंधित कार्यदायी संस्था भी आंख मूंदे हुए हैं। आश्चर्यजनक वाली बात यह है कि ढही नाली के आसपास से प्रतिदिन तहसील के आला अफसर भी गुजरते हैं। इसके बावजूद जस की तस पड़ी हुई है।
नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर की ओर से वित्तीय वर्ष 2015-16 में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के कर कमलों से सदर तहसील परिसर में लाखों की लागत से इंटरला¨कग सड़क व नाली का निर्माण कार्य का लोकार्पण कराया गया। लगभग साल भर पूर्व निर्मित इंटरला¨कग के कार्य पर कोई प्रभाव तो नहीं पड़ा, पर उसके साथ नाली ढह गई। नाली ढहने से आवागमन प्रभावित होने के साथ ही पानी के बहाव का रास्ता भी अवरुद्ध हो गया है। सर्वाधिक दिलचस्प बात यह है कि यह ढही पुलिया तहसील परिसर के भीतर ही है। प्रत्येक कार्य दिवस में उस रास्ते से गुजरने वाले उपजिलाधिकारी व तहसीलदार समेत अधीनस्थ कर्मियों की भी नजरें उस ढही पुलिया पर नहीं पड़ रही है। जिससे उसकी मरम्मत कराया जा सके। साल भीतर ढही नाली से गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं। यदि गड़बड़ी या मानक के विपरीत न बना होता तो शायद ऐसी स्थिति नहीं होती। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी राजीव रंजन ¨सह ने बताया कि यदि नाली ढह गई होगी तो उसे पुन: बनवाया जाएगा। कोई जरूरी नहीं कि निर्माण में गुणवत्ता की कमी के कारण ही ढही हो।