टाप-साहब, गरीबों के हिस्से में सिर्फ पन्नी व छप्पर
सिद्धार्थनगर : सरकार द्वारा चलाई जा रही आवासीय योजनाओं के लाभ से गरीब कोसों दूर हैं। पात्र होने क
सिद्धार्थनगर :
सरकार द्वारा चलाई जा रही आवासीय योजनाओं के लाभ से गरीब कोसों दूर हैं। पात्र होने के बाद भी उन्हें लाभ से वंचित किया जा रहा है। न खेती न कोई रोजगार का साधन। मेहनत मजदूरी कर किसी तरह परिवार का पेट भरने वाले गरीबों के हिस्से में आवास के नाम पर सिर्फ पन्नी व छप्पर का सहारा है।
खुनियांव विकास खंड के ग्राम पंचायत सड़वा निवासी फूलमती का कहना है कि खेती के नाम पर एक मंडी जमीन नहीं है। घर में कुल छह परिवार है। रोजगार के नाम पर कुछ नहीं है। राशनकार्ड पर राशन मिल जाता है, जिससे पेट पालने में कुछ मदद मिल जाती है। मगर इस महंगाई में घर कैसे चल रहा है, घर की व्यवस्था कहां से करें। जर्जर छप्पर पर पन्नी तानकर किसी तरह से मिट्टी की दीवाल से बने छोटे घर में सभी परिवारों को एक साथ जीवन बसर करना पड़ रहा है। कटेर्श्वरनाथ निवासी ममता का कहना है कि सात परिवारों में किसी को सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। यहां तक कि राशन भी नहीं मिल रहा है। मेहनत मजदूरी कर किसी तरह से परिवार पेट पल रहा है। खेती के नाम पर पर सिर्फ बारह मंडी खेत है। इतने पैसे नहीं कि झोपड़ी ठीक कराया जा सके। बरसात होने पर जब छप्पर टपकता है तो पूरी रात जाग कर बितानी पड़ रही है। आवास के लिए ग्राम प्रधान से कई बार कहा, मगर कोई ध्यान नहीं दिया गया। प्रधान प्रतिनिधि अतीउल्लाह का कहना है कि आवास के लिए फाइल ब्लाक पर भेजी गई है, स्वीकृति मिलने पर आवास मुहैया कराया जायेगा।
बीडीओ राजाराम का कहना है कि संबंधित सेक्रेटरी को गांव में भेज कर जांच करवाते हैं, यदि उक्त पात्र है तो उन्हें आवासीय योजना का लाभ दिलायेंगे।