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गांवों में सफाई कर्मियों की मनमानी चरम पर

सिद्धार्थनगर : दो दर्जन गांवों में सफाई कर्मियों की मनमानी चरम पर है। बरसात का मौसम और उमस भरी गर्म

By Edited By: Published: Wed, 30 Sep 2015 09:59 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2015 09:59 PM (IST)
गांवों में सफाई कर्मियों की मनमानी चरम पर

सिद्धार्थनगर : दो दर्जन गांवों में सफाई कर्मियों की मनमानी चरम पर है। बरसात का मौसम और उमस भरी गर्मी से जहां संक्रामक बीमारी का अंदेशा बढ़ जाता है, वहीं गांवों में बजबजा रही नालियां व जमा कूडे़ का ढ़ेर इन्हें और भी बढ़ावा दे रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदार उदासीन बनें हैं, जो ग्रामीणों के आक्रोश का कारण बन रहा है।

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क्षेत्र के ग्राम विमौवा खुर्द, विमौवा बुजुर्ग, मेचुका, सेखुई, बालेजिनवा समेत समग्र ग्राम मझारी, सराव व अकोल्हिया आदि एक दर्जन गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जाम पड़ी नालियों से उठ रही बदबू ग्रामीणों का जीना मुहाल किये हुए है। संक्रामक बीमारी के भय से कुछ ग्रामीण अपने घरों के सामने की नालियां खुद साफ करने को मजबूर हैं। रही बात सफाई कर्मियों की तो माह में एक दिन ही वह गांव में आते हैं। वह भी सफाई करने नहीं, बल्कि प्रधान के घर रखे रजिस्टर में हाजिरी बनाने। नतीजतन गांवों के गलियों व नालियों की साफ-सफाई भगवान भरोसे ही है। चयनित समग्र गांवों के भी सफाई के प्रति यह गंभीर नहीं हैं। विजय कुमार ने बताया कि जाम नाली देखकर रोगों के फैलने की आशंका से स्वयं नाली साफ करने के लिए मजबूर होना पड़ा। खंड विकास अधिकारी शिव कुमार शर्मा का कहना है कि शिकायत मिली है जिसपर संबंधित ग्राम प्रधानों को पत्र जारी किया हूं बाद इसके भी सफाई नहीं हुई तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी।


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