आरक्षण में उलझी चुनावी सरगर्मी
सिद्धार्थनगर : महीनों से अपने संभावित क्षेत्रों के गांवों व गलियों की खाक छान रहे चुनाव लड़ने के इच्छ
सिद्धार्थनगर : महीनों से अपने संभावित क्षेत्रों के गांवों व गलियों की खाक छान रहे चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों की नजर अब यहां से हट कर ब्लाक मुख्यालयों पर टिक गयी है।
आरक्षण के भूत से भयभीत ये संभावित उम्मीदवार घोषणा की घड़ी नजदीक देख और भी बेसब्र दिखाई पड़ रहे हैं। उन्हें इंतजार है कि कब ब्लाक के सूचना पट्ट पर सूची चस्पा हो और वो अपने चुनाव अभियान को गति दे दें।
हांलाकि अधिकांश प्रत्याशी ऐसे भी दिखाई पड़ रहे हैं जो पहले से ही अपने हाथ में सूची लेकर लोगों को दिखाते फिर रहे हैं। स्वत: भी वह इससे गुमराह हो रहे हैं। सोमवार को ब्लाक मुख्यालय पर सूची लगने की हलचल सुन सभी लोग सुबह से ही ब्लाक पर पहुंचने की तैयारी में थे। कुछ लोग पहुंच भी चुके थे तब तक अपने नेटवर्क के जरिए खबर तैर गई कि अब तो सूची आगामी 2 सितंबर को चस्पा होगी । जारी होने वाली सूची की ओर एकटक नजर गड़ाए इन चुनावी वीरों को ऐसा लगा कि मानों वह चुनाव ही हार गये हैं। किसी तरह से अपने को संभाल कर वे फिर से दो दिन व दो रात और सब्र करने का मन बना सके। वैसे तो क्षेत्र में सभी सीटों के आरक्षण की अफवाह फैल चुकी है। सभी लोग उस पर भरोसा भी कर रहे हैं पर इन्हें भय है कि आखिरी वक्त आर्थिक व राजनैतिक प्रभाववश कहीं खेल उल्टा न हो जाए। कुछ लोग तो चर्चा में आयी सीटों को बदलवाने के भी प्रयास में जुटे हैं। इस बीच ग्रामीण मतदाता इस खेल का बड़े बारीकी से परीक्षण कर रहे हैं। संभावित नेताओं की गतिविधियों को परखने का भी उन्हें खूब मौका मिल रहा है। डड़वा राजा ग्राम पंचायत से प्रधान पद के संभावित उम्मीदवार राम प्रीत मौर्य कहते हैं कि अबकी बार लोगों का रुझान हमारी ओर है, फिर भी आरक्षण सूची जारी होने में हो रहे विलंब से मैं असमंजस की स्थिति में हूं। जिला पंचायत सदस्य पद के संभावित प्रत्याशी अजय चौधरी का कहना था कि आरक्षण समय से पहले घोषित हो जाना चाहिए। इसमें विलंब से प्रचार प्रसार को क्षति पहुंच रही है । एक और संभावित उम्मीदवार आत्मा राम पटेल कहते हैं की आरक्षण की घोषणा में देरी से लोगों में अकुलाहट सा है जो काम करना है उसे तत्काल कर देना चाहिए ।