प्रसव केंद्र के कब बहुरेंगे दिन
सिद्धार्थनगर : सरकारी धन का दुरूपयोग व शासन की मंशा पर पानी फिरता देखना हो तो तहसील अन्तर्गत ग्राम प
सिद्धार्थनगर : सरकारी धन का दुरूपयोग व शासन की मंशा पर पानी फिरता देखना हो तो तहसील अन्तर्गत ग्राम पंचायत बयारा में आएं। जहां करीब 5.10 लाख की लागत से बने प्रसव केंद्र का कोई पुरसाहाल नहीं है। बिना इस्तेमाल में आए ही भवन जर्जर होकर अपना वजूद खो रहा है। देखरेख के अभाव एवं विभागीय उपेक्षा के चलते भवन का दरवाजा, खिड़की या तो टूट गए हैं, या फिा गायब हो चुके हैं। बाउण्ड्रीवाल भी अब टूटने लगी है,मुख्य दरवाजे का एक हिस्सा गायब है। भवन बने करीब चार वर्ष से ऊपर का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक यह उपयोग में नहीं आ सका है।
क्षेत्र की महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं एवं प्रसव के लिए बयारा गांव के पूरब तरफ सूतीहवा ताल के पास प्रसव केन्द्र भवन का निर्माण कराया गया, जो बनकर चार वर्ष पहले ही पूर्ण हो चुका है। परंतु अभी तक किसी को यह जानकारी नहीं है कि यह विभाग के हैंडओवर हुआ भी या नहीं। केंद्र में न ही कोई स्वास्थ्य विभाग को स्टाफ बैठता है और न ही कोई स्वास्थ्य संबंधित सामग्री ही उपलब्ध है। प्रसव पीड़ित महिलाओं को नाना प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बावजूद इसके जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे हैं। उपेक्षा के चलते ही भवन की हालत जहां दिनों दिन दयनीय बनती जा रही ह,ै वहीं वर्तमान में यह इमारत आवारा जानवरों का बसेरा बनी है। ग्रामीणों ने राज कुमार, अभिषेक, राहुल कुमार, बंटी, सुखदेव, अहमद, जुबेर आदि ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों समेत जिला प्रशासन से प्रसव केंद्र की दशा सुधारने एवं संचालन शुरू कराने जाने की मांग की है।