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मंदिर से हनुमान की अष्टधातु की मूíत चोरी

सिद्धार्थनगर : ढेबरूआ थाना क्षेत्र के पचमोहनी गांव स्थिति राम जानकी प्राचीन मंदिर से बीते शनिवार सा

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 11:22 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 11:22 PM (IST)
मंदिर से हनुमान की अष्टधातु की मूíत चोरी

सिद्धार्थनगर : ढेबरूआ थाना क्षेत्र के पचमोहनी गांव स्थिति राम जानकी प्राचीन मंदिर से बीते शनिवार सायं चोरों ने हनुमान जी की अष्टधातु से निíमत करोड़ों की मूíत चोरी कर ले गये। सुबह भोर में मंदिर के पुजारी ने कपाट खोला तो देखा मूíत गायब थी। इस घटना की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच के बाद कार्रवाई में जुट गई है। चोरी की गई मूíत की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब डेढ़ करोड़ की बताई जा रही।

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मंदिर के महन्थ मौनी दास महराज के अमरनाथ यात्रा में जाने के उपरान्त मंदिर की देखरेख करने वाले बुर्जुग पुजारी राम सेवक शनिवार को करीब 8 बजे मंदिर के अन्दर विराजमान देवी-देवताओं को भोग लगाकर, स्वयं भोजन करने चले गये। रात करीब 9 बजे सोने से पहले पुजारी ने मंदिर का कपाट बन्द कर दिया। रविवार भोर करीब 5 बजे मंदिर खोलने के बाद हनुमान की मूíत गायब देखी तो उनके होस उड़ गये। पुजारी ने तत्काल गांव के सामाजिक लोगों को इसकी जानकारी दी। मंदिर पुजारी के अनुसार दोपहर दिन में ही कुछ अज्ञात युवक काफी देर तक मंदिर के आस-पास घूमते देखे गये, उनके बारे में जानकारी करने का प्रयास किया गया, लेकिन वे कुछ नहीं बताये।

थाना क्षेत्र के मुंहचोरवा नदी से सटे सुनसान स्थान पर प्राचीन मंदिर जो तपसी कुटी के नाम से प्रसिद्व था, करीब सवा सौ साल पहले एक तपस्वी संत यहां आकर ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर का निर्माण कराया, जिसमें राम, सीता, लक्ष्मण व हनुमान जी की अष्टधातु मूíत स्थापित किया। करीब 5 वर्ष पूर्व मंदिर में स्थापित राम, सीता व लक्ष्मण की अष्टधातु निíमत मूíत चोरी हो गयी थी। स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से 4 साल पहले मंदिर का जीर्णोधार के बाद मंदिर में चोरी गई मूíतयों के स्थान पर संगमरमर की मूíत स्थापित की गई। मंदिर में हनुमान जी की करीब सौ साल पुरानी मूíत स्थापित थी। प्रभारी एसओ शिव कुमार ने बताया कि तहरीर मिली है। मामले की जांच की जा रही है मुकदमा दर्ज किया जायेगा।


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