कटेश्वरनाथ धाम : सावन में गूंजता महादेव का नाम
सिद्धार्थनगर : तहसील मुख्यालय से छह किमी दूर दक्षिणी पूर्वी छोर पर स्थित प्रसिद्ध कटेश्वरनाथ धाम श
सिद्धार्थनगर : तहसील मुख्यालय से छह किमी दूर दक्षिणी पूर्वी छोर पर स्थित प्रसिद्ध कटेश्वरनाथ धाम शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यहां पूरे साल प्रत्येक सोमवार को भीड़ उमड़ती है, मगर सावन महीने में हर हर महादेव की गूंज पूरे माह गूंजती रहती है। रात दिन आने जाने वाला कांवरियों का जत्था देखते ही बनता है। लोगों का विश्वास है कि यहां आने वाले हर श्रद्धालुओं की मुरादें अवश्य पूरी होती है। क्षेत्रीय समेत जनपद के कोने कोने के अलावा गैर जनपदों से आने वाले भक्त ऐतिहासिक व प्राचीन शिव¨लग पर जल चढ़ाकर भोले नाथ को प्रसन्न कर अपने को धन्य समझ यह सोच वापस लौटते हैं कि अगले सावन में जल चढ़ाने का मौका अवश्य मिलेगा।
किवदंतियों के मुताबिक त्रेता युग में भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने इसी स्थान पर शिवजी की आराधना की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव शिव¨लग के रूप में प्रतिष्ठित हो गए। जिन्हें कुशेष्वरनाथ के नाम से जाना जाने लगा। समय बीता और कलियुग आया तो उक्त स्थान समेत आसपास के इलाकों में घनी झाड़ियां उग आयी। करीब चार सौ वर्ष पूर्व गांव के ही दिलमान चौधरी उसे साफ करने लगे। जब उक्त स्थान पर कुदाल से प्रहार किया तो शिव¨लग से खून की धारा निकलने लगी। जिससे प्रेरित होकर उन्होंने भव्य मंदिर का निर्माण कराया। शिव¨लग कटने की वजह से उसका नाम कटेश्वरनाथ के नाम से विख्यात हुआ। वर्तमान में दिलमान चौधरी के वंशज नेपाल में रहते हैं।
नेपाल राष्ट्र को जोड़ने वाली इटवा-डुमरियागंज मार्ग पर स्थित सड़वा चौराहे से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। निजी साधनों के अलावा पैदल श्रद्धालुओं की भारी तादात देखने को मिलती है। इस महीने भक्तों की आमद अधिक होने से चौराहे से मंदिर तक पहुंचाने के लिए टेंपो वाहन खड़े मिलते हैं।
चोरियों से निपटने के लिए पूरा मंदिर परिसर सीसीटीवी कैमरे की नजर में रहता है। भारी संख्या में पुलिस बल के अलावा महिला आरक्षी मौके पर मुस्तैद रहती हैं। मंदिर परिसर में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग अलग जल चढ़ाने की व्यवस्था रहती है। जल चढ़ाने के बाद दूसरे द्वार से बाहर निकलने की वजह से किसी को कोई परेशानी नहीं रहती।
मंदिर परिसर में एक ही स्थान पर लगाया गया एक सरकारी व तीन देशी नलों में सिर्फ एक देशी नल पानी दे रहा है, जिससे दूषित पानी निकलने से कोई पीना नहीं चाहता। मंदिर परिसर के बगल स्थित पवित्र सरोवर में कूड़ा कचरा फेंके जाने व घरों का गंदा पानी गिराए जाने से पूरा तालाब गंदगी से बजबजा रहा है। मंदिर स्थल तक जाने वाले सड़क का मरम्मत न होने की वजह से पड़री गांव से पैदल यात्रियों को समस्या उठानी पड़ती है।
कटेश्वरनाथ धाम मंदिर पुजारी के मंगल गिरि ने कहा कि चढ़ावे के रूप में जितना धन मिलता है, उसी से मंदिर की व्यवस्था की जाती है। श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो इसके लिए भरसक प्रयास रहता है। सरकारी नल के लिए क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों से कई बार मिला मगर कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।
सीओ इटवा दीप नारायण त्रिपाठी ने कहा कि क्षेत्र के सभी प्रमुख शिव मंदिरों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था कराई जा चुकी है। वर्दी के साथ सादे वेश में जवान मुस्तैद रहेंगे जो अवांछित गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेंगे। किसी ने कोई हरकत करने की कोशिश तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा।