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मासूमों संग बौद्ध अनुयायी का अनशन

सिद्धार्थनगर : अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए एक बौद्ध अनुयायी परिवार ने कमर कस लिया है। अ¨हसा का रास्त

By Edited By: Published: Wed, 22 Jul 2015 10:13 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2015 10:13 PM (IST)

सिद्धार्थनगर : अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए एक बौद्ध अनुयायी परिवार ने कमर कस लिया है। अ¨हसा का रास्ता अपनाते हुए बुधवार को परिवार समेत अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने का एलान कर दिया। लड़ाई में मासूमों ने पूरा दिन भूखे पेट रहते हुए मां-बाप का साथ दिया।

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अनशनकारी राजमन के पत्नी के गोद में मासूम था। जब भूख लगती तो चित्कार पड़ता। मां तुरंत आंचल में ढक उसके पेट की आग को बुझाने में जुट जाती। यह आलम को देख सभी कारण जानने की कोशिश करने लगते। तीन छोटे बच्चे खाली पेट दिनभर जमीन पर सोते रहे। बताते रहे कि उसके पास जो पैसा था, वह यहां आने व सुबह बच्चों को खाना खिलाने में खर्च हो गया है। वापस जाने के लिए भी कुछ नहीं बचा है, मासूमों का पेट कैसे भरेंगे। सब ऊपर वाले पर छोड़ दिया गया है। अनशन पर बैठने के संबंध में कहा कि थाना मोहाना के ग्राम शिवपति नगर के टोला कासियापुर निवासी पीड़ित के खेत में जाने के रास्ते को ग्रामवासी एक दबंग ने जबरन जोत लिया है। उस व्यक्ति ने खेत में जाने के लिए बने रास्ते पर पक्का निर्माण भी करा लिया है। जिससे उसके खेत में ट्रैक्टर नहीं पहुंच पा रहा है, किसानी न कर पाने की स्थिति में परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गया है। तीन बार तहसील दिवस व पांच दफा मुकामी पुलिस के पास जाकर फरियाद किया। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुआ है।


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