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थानाध्यक्ष खेसरहा को विवेचना का आदेश

सिद्धार्थनगर : दलित महिला के घर की दीवार जबर्दस्ती उखाड़ने वाले अभियुक्तों को मना करने आई गर्भवती शील

By Edited By: Published: Wed, 22 Jul 2015 10:07 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2015 10:07 PM (IST)

सिद्धार्थनगर : दलित महिला के घर की दीवार जबर्दस्ती उखाड़ने वाले अभियुक्तों को मना करने आई गर्भवती शीला को संघातक चोट पहुंचाई गई, जिससे उसके पेट में पल रहे बच्चे की गर्भपात होने से इलाज के दौरान मौत हो गई। मामले की गंभीरता और अपराध की परिस्थिति को देखते हुए न्यायालय ने थानाध्यक्ष खेसरहा को मामला दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया।

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मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में राम प्रसाद निवासी तुरसिया थाना खेसरहा में मिथिलेश, फखउल, संभावती, राधेश्याम, पूनम निवासी तुरसिया एवं सुधीर कुमार निवासी जिगिना खुर्द थाना कोतवाली बांसी पर धारा 147, 148, 149, 302, 316, 504, 506 भा.द.वि. व 3 (2) (5) एससी/एसटी एक्ट का आरोप लगाते हुए धारा 156 (3) द.प्र.सं. का प्रार्थना पत्र देते हुए आरोप लगाया कि अभियुक्तगण ने मजमा नाजायज बनाते हुए पीड़ित की दीवार उजाड़ी तथा अपमानित करने के लिए जातिसूचक गालियां दिया। मेरी भाभी शीला को पकड़ कर पटक दिया एवं जच्चा-बच्चा की जान लेने की नियत से उसके पेट पर गंभीर चोटें पहुंचाई, जिसके चलते पेट में पल रहे छह माह के बच्चे की गर्भपात होने से इलाज के दौरान मौत हो गई।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चन्द्रशेखर मिश्र ने प्रार्थना पत्र में वर्णित कथन और मौजूद अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर आधा दर्जन लोगों पर गंभीर एवं संज्ञेय अपराध का मामला प्रथम ²ष्टया बनता देख थानाध्यक्ष खेसरहा को आदेशित किया है कि अभियोग पंजीकृत कर मामले की विवेचना शीघ्र करें।


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