बीएसए कौन, ऊहापोह बरकरार
सिद्धार्थनगर: जिला बेसिक अधिकारी कौन है? डा. कौशल किशोर या अनुराग श्रीवास्तव। इसे लेकर ऊहापोह बरकरार
सिद्धार्थनगर: जिला बेसिक अधिकारी कौन है? डा. कौशल किशोर या अनुराग श्रीवास्तव। इसे लेकर ऊहापोह बरकरार है। प्रशासन, शिक्षक संगठन अभी अनुराग को ही मान रहा, जबकि कामकाज कौशल निपटा रहे हैं। इस परिस्थिति को लेकर वित्त एवं लेखाधिकारी ने रिपोर्ट शासन को भेज दी है। शासन के तरफ से बुधवार को भी कोई निर्णय नहीं आया। प्रशासन भी ऊपर ही टकटकी लगाए है।
वित्त और लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा ने शिक्षा निदेशक बेसिक को लिखे पत्र में कहा है कि संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा अनुभाग-1 लखनऊ के कार्यालय आदेश के द्वारा कौशल किशोर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सिद्धार्थनगर के विरुद्ध कतिपय आरोपों के संबंध में अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित करते हुए तत्कालीन प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। जिलाधिकारी के आदेश से 7 मई को अधोहस्ताक्षरी को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सिद्धार्थनगर के समस्त दायित्वों के निर्वहन हेतु आदेशित किया गया था। 22 मई को डा कौशल द्वारा कार्यालय में उपस्थित होकर प्रभार आख्या प्रस्तुत की गयी कि- माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ में योजित याचिका में पारित आदेश 19 मई 2015 जिसमें उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा अनुभाग-1 के आदेश 6 मई के क्रम में निर्गत निलंबन आदेश पर रोक (स्टे) लगायी गयी है। तत्क्रम में 22 मई को अपराह्न जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सिद्धार्थनगर का पदभार ग्रहण किया। लेखाधिकारी ने कहा है कि कार्यमुक्त अधिकारी के रूप में अधोहस्ताक्षरी का नाम अंकित है, परंतु उस दिन वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद की बैठक में शामिल था। कार्यमुक्त अधिकारी के स्थान पर मेरे द्वारा हस्ताक्षर नहीं किया गया है। बिना कार्यमुक्त अधिकारी से प्रभार प्राप्त किए एवं बिना जिलाधिकारी महोदय के प्रतिहस्ताक्षर के स्वत: ही कार्यभार मोचक अधिकारी के रूप में प्रभार ग्रहण कर सूचना प्रेषित कर दिया है। उन्होंने इसकी प्रतिलिपि कमिश्नर बस्ती एवं विभाग के सभी उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया है।
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असमंजस में संगठन और कर्मचारी
संगठन और कर्मचारियों में भी असमंजस की स्थिति है। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. अरुणेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने भी स्टे पर आए कौशल का विरोध करते हुए कहते हैं कि उनके ज्वाइनिंग की प्रक्रिया दूषित है। शासन-प्रशासन से अनुमति लेने के बाद ही कोई कदम उठाना चाहिए। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राधेरमण त्रिपाठी का कहना है कि निलंबन की कार्रवाई के बाद चूंकि जिलाधिकारी ने अनुराग को कार्यभार सौंपा है, इस लिहाज से वही कार्यवाहक बीएसए के रूप में माने जाएंगे। उन्हें सिर्फ स्टे मिला है न कि तैनाती। अध्यक्ष अधिवक्ता सभा कपिलवस्तु एडवोकेट कृपाशंकर त्रिपाठी ने बीएसए की ज्वाइनिंग को अतिक्रमण बताया।
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कुर्सियों की दिशा बदली
बीएसए कक्ष की कुर्सियों का दिशा भी बदल चुकी है। निलंबन क्या हुआ उन्होंने कमरे का वास्तुदोष भी ठीक कर लिया। पहले उत्तर दिशा में मुख करके बैठते थे वह अब पूरब दिशा की तरफ बैठ रहे हैं।
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मैं अवकाश पर हूं। ज्वाइनिंग प्रक्रिया दूषित होने के कारण दुविधा की स्थिति तो है। इसे शासन को ही क्लीयर करना है। आने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
डा. सुरेन्द्र कुमार
जिलाधिकारी