देखते रहिए टंकी नहीं मिलेगा पानी
सिद्धार्थनगर : ग्रामीण अंचलों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लाखों की लागत से बनी पा
सिद्धार्थनगर :
ग्रामीण अंचलों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लाखों की लागत से बनी पानी की टंकी बेमतलब साबित हो रही है। टूटी पानी की टोटियां व ध्वस्त हो चुकी पाइप लाइनों को ठीक न कराये जाने से लोगों को बूंद भर पानी नसीब नहीं हो रहा है, बावजूद महकमा बेपरवाह है।
इटवा विकास खंड के ग्राम कठेला गर्वी में वर्ष 2006-07 में स्वजल धारा योजना अंतर्गत जल निगम विभाग द्वारा चालीस लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण कार्य कराया गया। पांच हजार से अधिक की आबादी वाले गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल दिलाये जाने के लिए पाइप लाइन बिछाने के बाद जगह-जगह टोटियों की व्यवस्था भी गई। ग्रामीणों का कहना है कि पानी टंकी निर्माण पूर्ण होने के बाद उसका ट्रायल भी किया गया। पूर्व ग्राम प्रधान इबरार अहमद का कहना है कि पानी की टंकी स्थापित होने के दौरान से ही पानी नसीब नहीं हो रहा है। मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में हालत यह है कि जगह-जगह पाइप लाइनें पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है, और टोटियां भी गायब होती जा रही है। अछैबर यादव ने बताया कि लोगों को शुद्ध पेयजल दिलाने की सरकारी मंशा पूरी तरह धराशायी हो चुकी है। बावजूद जिम्मेदार विभाग द्वारा इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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कुछ जगह पाइप लाइन न पड़ने की वजह से पानी सप्लाई नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिल सके इसके लिए जरूरी कदम उठा रहा हूं।
जय शंकर प्रसाद
सहायक अभियंता जल निगम, इटवा