बुद्ध के आंगन में शातिरों की फौज
सिद्धार्थनगर : तथागत के आंगन में शातिरों की फौज मौजूद है। 36 शिक्षकों पर जालसाजी मुकदमा है तो जाली
सिद्धार्थनगर : तथागत के आंगन में शातिरों की फौज मौजूद है। 36 शिक्षकों पर जालसाजी मुकदमा है तो जाली नोटों के बड़े आरोपी भी। अन्तरराज्यीय वाहन चोरों का गिरोह है और उनका कुनबा भी। अर्थात बुद्ध के सिद्धांतों को सर्वाधिक ठेस भी यहीं से पहुंच रही है।
17 मार्च को तत्कालीन बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेन्द्र नरायन ¨सह ने न्यायालय के आदेश पर 2009-10 के 36 शिक्षकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। इन पर आरोप था कि यह फर्जी अंकपत्र पर यहां नौकरी कर रहे थे। 29 जुलाई 2008 को डुमरियागंज स्टेट बैंक के कैश चेस्ट से सवा चार करोड़ की फेक करेंसी बरामद हुई। इससे पूर्व जालसाजी, गबन के कई बड़े मामले प्रकाश में आ चुके हैं। जिले के लिए यह मामले नये नहीं हैं। आईएम के आतंकी सलमान, बब्बर खालसा के माखन ¨सह जैसे दर्जनभर आतंकी पकड़े जाने के बाद से यहां की गतिविधियों पर पुलिस सहित तमाम एजेंसियों की भी विशेष नजर है। बावजूद इसके यहां से निरंतर जालसाजों की फौज दिखने से बात साफ है कहीं कोई बड़ी कड़ी कमजोर है। अभी 3 मई को पुलिस ने अन्तरराज्यीय वाहन चोरों के गिरोह का पर्दाफाश किया है। सरगना समेत तीन साथियों को जेल भेज 11 चोरी के लग्जरी वाहन भी बरामद किये। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश पुलिस के लिए भारी चुनौती है। वह भी तब जब उसमें उसके अपनों का नाम सामने आने लगा हो। फिलहाल वर्दी के साथ यह कोई नयी बात नहीं है। बोलेरो से लेकर बाइक तक में उसका नाम उछल चुका है। यह और बात है कि अपनों के साथ भी विवेचना का पैमाना वहीं रहता है अथवा इसमें कोई बदलाव आता है, पर इतना तय है कि पुलिस ने निष्पक्षता से काम किया तो वाहन चोरी के क्षेत्र में यह सूबे की सबसे बड़ी बरामदगी हो सकती है। इस पर भी ध्यान देना होगा कि अ¨रदम बोस इतना बड़ा अवैध नेटवर्क मात्र तीन चार लोगों के भरोसे नहीं तैयार कर सकता। इसमें एआरटीओ से लेकर पुलिस विभाग के लोग भी शामिल हो सकते हैं। ऐसे में पुलिस को यह भी टटोलना होगा कि मुख्यालय व अन्य स्थानों पर उसका कैरियर कौन है। फिलहाल एक नाम पखवारे भर से लोगों की जुबान पर तैर रहा है। आरोप यह भी है कि इस अवैध कारोबार से छोटे पद का कद बड़ा हुआ है। खबर तो यहां तक आ रही है कि बर्डपुर के एक कैरियर ने ही पुलिस को बोलेरो उपलब्ध करायी थी। फिलहाल सच्चाई जांच के बाद ज्ञात ही सकती है, पर बुद्धजीवी चकित हैं, इस विडंबना से कि नालायकों को तो गौतम की माटी का भी ख्याल नहीं है।
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पुलिस निष्पक्षता से छानबीन में जुटी है। यहां अभी और भी वाहन बरामद हो सकते हैं और गिरोह के सदस्य भी दबोचे जा सकते हैं। छानबीन में संकेत ऐसे ही मिल रहे हैं। कुछ दिन में यह भी ज्ञात हो जायेगा कि वाहनों का वास्तविक चेसिस व इंजन नंबर क्या है? पुलिस इस पर भी काम कर रही है। आरोपी कोई भी, कहीं भी हो, वह जल्द ही सलाखों के पीछे होगा।
के.के.चौधरी
पुलिस अधीक्षक, सिद्धार्थनगर