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संकट से जूझ रहे किसान, कोई पुरसाहाल नहीं

सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र के गन्ना किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, बावजूद इसके इनका कोई पु

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 09:24 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 09:24 PM (IST)
संकट से जूझ रहे किसान, कोई पुरसाहाल नहीं

सिद्धार्थनगर :

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तहसील क्षेत्र के गन्ना किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, बावजूद इसके इनका कोई पुरसाहाल नहीं है। अगली खेती की तैयारी, लगन में शादी-विवाह का मौसम, ऐसे में गन्ना मूल्य भुगतान न होना किसानों को ¨चता में डुबो दिया है। तौल होने के दो-तीन महीने बाद भी भुगतान न होने से किसानों में अब रोष पनपने लगा है।

क्षेत्र के गन्ना किसानों ने बजाज शुगर मिल रूधौली के यहां अपने गन्ने की तौल कराई। दो-तीन, साढे तीन महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी भुगतान संबंधित कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। किसानों की जुबानी समस्या की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो हर किसी के अंदर बेबसी साफ झलकती नजर आई। ग्राम पटखौली निवासी राम सुरेश ने बताया कि जनवरी महीने में 570 ¨क्वटल गन्ने की तौल कराई गई। जिसका मूल्य करीब159600 हुआ, परंतु भुगतान अब तक नहीं हो सका है। मड़हला निवासी लौटन का कहना है कि 430 ¨क्वटल गन्ने का 120400 का भुगतान मिलना है, अप्रैल महीना समाप्ति की ओ है और भुगतान कब होगा, यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। नगद की खेती की गई थी, परंतु भुगतान न मिलने से भुखमरी जैसी स्थिति खड़ी हो गई है, पटखौली निवासी अबू शहमा ने बताया कि कृषि प्रधान देश में किसानों की कोई पूछ करने वाला नहीं है। 500 ¨क्वटल गन्ने की तौल कराई, मगर भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। बेवा के राम दास जिन्होंने 288 ¨क्वटल और राम सेवक जिन्होंने 220 ¨क्वटल गन्ने की तौल कराई थी, इनकी भी कमोवेश स्थिति एक जैसी है। इन्होंने ने बताया कि दैवीय आपदा के चलते गेहूं की फसल वैसे ही चौपट हुई, गन्ने का बकाया है कि मिलता ही नहीं है, जीवन की पटरी कैसे आगे बढ़े, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। इसी तरह केवटली के केशव राम ने 500 ¨क्वटल, मड़हला के सत्य राम ने 320, अनारूल्लाह ने 640, बगडिहवा गांव के अब्दुल अहद ने 430 व राम पाल ने 420 ¨क्वटल गन्ने की तौल कराई। किसी का दो महीना तो किसी का तीन-साढे तीन महीना तौल कराए बीत चुका है, मगर भुगतान का कुछ पता नहीं है। किसानों ने तहसील से लेकर जिला प्रशासन से भुगतान समस्या के समाधान हेतु उचित कदम उठाए जाने की मांग की है।


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