डरें नहीं, पर रहें सावधान
सिद्धार्थनगर : भ कंप का केन्द्र भले नेपाल का लामजुंग रहा हो, मगर खौफ हर तरफ है। भारत-भूमि पर उसकी त
सिद्धार्थनगर : भ कंप का केन्द्र भले नेपाल का लामजुंग रहा हो, मगर खौफ हर तरफ है। भारत-भूमि पर उसकी तीव्रता 6 रियेक्टर से ज्यादा नहीं रही है। फिर भी लोग बजाय सावधानी अपनाने के, भय से मरे जा रहे हैं। भूकंप की चपेट में आने से 6 व्यक्ति घायल हुए हैं, पर मौत एक भी नहीं। सदमें से तीन जानें जा चुकी हैं, पर प्रशासन तो एक भी नहीं मानता। ऐसे में बुद्धिजीवियों की राय भी यही है कि आप डर से जान क्यों गवां रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि पूरी तरह से बेफिक्र रहें, पर सावधानी अवश्य अपनायें। ह्वाट्सएप, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर लोग अफवाहों से बचने का संदेश तो दे रहे हैं, पर यह भी सच है कि यह हवा फैल भी वहीं से रही है। भूकंप इतने बजे आयेगा। चांद उलटा दिखा। नासा से फला जानकारी मिली। वैज्ञानिक स्वयं चकित हैं कि इसका पूर्वानुमान संभव नहीं है, ऐसे अफवाहें कम घातक नहीं हैं। खासकर हृदय रोगियों के लिए। मोबाइल पर बजाय सावधान संदेशों के, खौफ का बाजार गर्म है। शहर हो या गांव। बच्चे, बूढ़े और जवान परेशान हैं। आंखों में नींद नहीं हैं। चलते-फिरते उठते-बैठते हर वक्त यही महसूस हो रहा है जैसे सब कुछ रहा हो। वातावरण हिलता नजर आ रहा है। भूगर्भशास्त्री डा.अर¨वद का कहना है कि भूकंप आता है तो हम में से ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता कि क्या करना है। घर में हैं तो घर में ही रहना है या बाहर भागना है। बाहर हैं तो क्या करना है? कुछ ऐसी सावधानियां हैं जिनको बरतने से हम इस तरह की आपदा में खुद को बचा सकते हैं। ऐसे में सभी को चाहिए कि वह नागरिकों को जागरूक करें। न अफवाहें फैलाएं।
ऐसे करें बचाव
- भूकंप के समय घर के अंदर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं।
- किसी म•ाबूत टेबल या ऐसे किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें- अगर आसपास टेबल नहीं है तो हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें- घर के किसी कोने में चले जाएं- कांच, खिड़की, बाहरी दरवा•ो और दीवार और झूमर आदि जैसी किसी भी गिरने वाली ची•ा से दूर रहें- बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें- आसपास यदि ऐसा भारी फर्नीचर है जिसके गिरने का ़खतरा है तो उससे दूर रहें।
-लिफ्ट का न करें प्रयोग
- ऊंची इमारतों में रहने वाले भूकंप के समय लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें- लिफ्ट पेंडुलम की तरफ हिलकर दीवारों से टकरा सकती है- बिजली जाने से भी वो रुक सकती है और आप उसमें फंस सकते हैं- ऐसी सीढ़ी का भी इस्तेमाल न करें जो म•ाबूत ना हो- आम तौर पर इमारतों में बनी सीढि़यां म•ाबूती से नहीं बनाई गई होती है। - जब तक झटके आ रहे हों घर के अंदर ही रहें, झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
-भूकंप के समय अगर आप घर के बाहर हैं तो- ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें- जब तक झटके ़खत्म न हो बाहर ही रहें- भूकंप के समय अगर आप किसी चलती गाड़ी में हैं तो- जितनी जल्दी हो सके गाड़ी रोक लें- गाड़ी में बैठे रहें- ऊंची इमारत, पेड़, ओवरब्रिज और बिजली के खंभे से गाड़ी दूर रखें- ऐसे पुल या ऐसी सड़क पर जाने से बचें जिनको भूकंप से नुकसान पहुंचा हो- भगवान न करें लेकिन अगर आप मलबे में दब गए हों तो- माचिस न जलाएं क्योंकि लीक हुई गैस आदि से आग का ़खतरा हो सकता है- मलबा हटाने के लिए हाथ पैर न चलाएं- मुंह को रुमाल या किसी कपड़े से ढंक लें- •ाोर से आवा•ा लगाने से आपके मुंह में धूल जा सकता है- पाइप या दीवार पर थाप देकर बचावकर्मी का ध्यान खींच सकते हैं- कोई उपाय न हो तभी •ाोर से आवा•ा लगाएं।