कहीं नहीं चैन, पूरी रात रहे बेचैन
सिद्धार्थनगर : धरती की थर्राहट से हर कोई थर्रा गया है। शनिवार की भूकंप के बाद रविवार दोपहर फिर आये झ
सिद्धार्थनगर : धरती की थर्राहट से हर कोई थर्रा गया है। शनिवार की भूकंप के बाद रविवार दोपहर फिर आये झटके ने जो हिम्मत रखे थे वह भी दहल गये। डर इतना था कि कोई भी भूकंप के विषय में कुछ कहता लोग सहम जाते। नतीजतन रात में भी भूकंप आने की संभावना पर लोग नगर के खाली पडे़ मैदानों में डेरा जमा लिए । चैन उन्हें यहां भी नहीं मिल रहा था, दिन के झटके ने उनके मन मस्तिष्क को बेचैन कर रखा था।
जान बच जायेगी जब इसका लोगों को विश्वास हुआ तो घर भी बचा रहे इसका शुक्र मनाना शुरू कर दिये। भूकंप से बचाव के लिए बांसी नगर की जनता के लिए नपा प्रशासन द्वारा माघ मेला मैदान में राहत शिविर लगाया गया था। इसी प्रकार नरकटहां में रतनसेन इंटर कालेज के मैदान में इसकी व्यवस्था थी। डर डर कर किसी तरह शाम हुई कि जल्दी से खाना खाकर लोग घर छोड़ शिविर की ओर चल दिये। शिविर में दरी चद्दर बिछाकर बैठे लोगों को अपनी सुरक्षा का जब भरोसा हो गया तो उन्हें घर की ¨चता सताने लगी। नेहरु नगर वार्ड निवासी किशलावती का कहना था कि बड़ी मेहनत के पेट काट काट कर किसी तरह अभी एक वर्ष पहले घर बनवा पाई थी कहीं मकान गिरा तो हमारा सर फिर छत विहीन हो जायेगा। इसी प्रकार का कहना विपत, हरिराम, जो¨गदर, राम चन्द्र, दिनेश गुप्ता का भी था उन्हें भी अब घर व उसमें रखे सामानों की ¨चता थी। कहीं कुछ न हो इसको लेकर पूरी रात ¨हदू जहां ईश्वर की आराधना कर रहे थे वहीं मुस्लिम भाई कुरान पढ़ अल्लाह से खैरियत की दुआ कर रहे थे। कैंप में रात्रि निवास कर रहे लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए कोतवाली प्रभारी शमशेर बहादुर ¨सह जहां पूरी रात गस्त कर रहे थे वहीं आरक्षियों द्वारा नगर के घरों की सुरक्षा का बीणा उठाये मुस्तैद दिखाई पड़ रहे थे।