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जनता के लिए मुसीबत बने दलाल

सिद्धार्थनगर : कपिलवस्तु कोतवाली की मत पूछिए। यहां तो इर्द-गिर्द ऐसे दलालों का वर्चस्व है, जिन्हें त

By Edited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 09:40 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 09:40 PM (IST)
जनता के लिए मुसीबत बने दलाल

सिद्धार्थनगर : कपिलवस्तु कोतवाली की मत पूछिए। यहां तो इर्द-गिर्द ऐसे दलालों का वर्चस्व है, जिन्हें तोड़ पाना शासन प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं। दर्जन भर ऐसे लोग हैं जो तस्करी और गैर कानूनी काम के चलते फर्श से अर्श तक पहुंच गए, जिनके आगे पुलिस भी बेबस और लाचार है। घटनाएं बढ़ती जा रही है, लेकिन पुलिस पर्दाफाश करने में पीछे है। दरअसल पुलिस दिन भर पंचायत के कामों में जुटी रहती है।

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पिछले छह माह के अंदर लूट, चोरी व डकैती की एक दर्जन घटनाओं से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। 22 नवंबर-2014 को महदेवा निवासी डा. विक्रम प्रसाद मिश्र के घर से नगदी सहित 15 लाख की चोरी हुई। घटना में नामजद मुकदमा तो लिखा गया, लेकिन चार बीतने के बाद भी पर्दाफाश नहीं हुआ। यहां तक की पुलिस चोरों को गिरफ्तार भी नहीं कर सकी, जो खुलेआम घूम रहे हैं। इस घटना में गांव का ही एक व्यक्ति है जो विक्रम के घर से जेवर, चांदी के सिक्के, चांदी के बर्तन, नगद सहित चावल तक उठा ले गया। 19 नवंबर की रात्रि इसी गांव से सटे अहिरौली में चोरों ने तीन घरों में धावा बोला। चोर राजेन्द्र के घर में पीछे से घुसकर जेवर व डेढ़ लाख रुपयों पर अपना हाथ साफ किये। उसके बाद सहजराम यादव के घर में घुसे और 15 से बीस हजार के सामान उठा ले गये। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करना भी मुनासिब नहीं समझा। पिपरहवा निवासी पवन वर्मा अपनी दुकान बंद करके घर जा रहे थे कि रास्ते में मोहनजोत के पास रोक कर असलहे के बल पर उन्हें लूट लिया गया। इसमें भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। कपिलवस्तु कोतवाली में दलालों का वर्चस्व कायम है। फरियादियों की सुनने वाला कोई नहीं है। किसी भी मामले में सुलह समझौता हो साहब की बोली 25 हजार से कम नहीं लगती है। अगर इससे कम हुआ तो उल्टा मुकदमा लिखा जाना तय है। इसी प्रकार का मामला चकईजोत ग्राम पंचायत निवासी व्यक्ति के साथ पेश आया। कोतवाली में आधा दर्जन दलाल हैं, जो तस्करी से लेकर चोरी, लूट व हरे पेड़ों के कटान के लिए तैयार रहते हैं और साहब के सभी कार्यो को आसान बनाते हैं। इन सभी कार्यो में अलग-अलग क्षेत्र के कुछ सफेदपोश भी शामिल हैं।

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सुनिए पीड़ितों की जुबानी

चार माह पूर्व हुई चोरी से निराश प्रमोदा मिश्रा कहती है कि पूर्वजों का एक-एक जेवर संभाल कर रखे थे, जिस पर गांव के ही रामानंद की निगाह पड़ गई और नगदी समेत एक-एक सामान उठा ले गया, जिसकी सूचना पर साहब भी आये पर उसे आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाये और न ही सामानों की बरामदगी हुई। पीड़िता ने कहा कि जब नामजद कार्रवाई नहीं हो रही है तो बाकी घटनाओं का क्या हाल होता होगा। पुलिस क्या चाहती है यह तो भगवान ही जानें। महदेवा कुर्मी निवासी दयानंद ने बताया कि 6 माह पूर्व गांव के ही दो लोगों से पोखरभिटवा बारात में मारपीट हुआ, लेकिन मुकदमा नहीं लिखा गया। सीओ व तहसील दिवस में डीजीपी तक का दरवाजा खटखटा चुका हूं। साहब कहते हैं जाओ कोर्ट से मुकदमा दर्ज कराओ मैं नहीं करूंगा। अगर दलाल से संपर्क किया होता तो शायद कुछ हो जाता, पर उसके लिए हमारे पास पैसा नहीं था।

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देखिए कुछ घटनाएं

6 जून 2014 को पोखरभिटवा में दयानंद व राकेश यादव और हेमंत कुमार के बीच मारपीट हुई, जिसका मुकदमा उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद भी आज तक दर्ज नहीं हुआ।

19 नवम्बर की रात में अहिरौला के राजेन्द्र के यहां से नकदी समेत जेवर मिलाकर लगभग सवा लाख की चोरी हुई तथा अहिरौला के सहजराम के घर से चोर 15 से 20 हजार का सामान उठा ले गये। मुकदमा दर्ज नहीं।

25 नवम्बर को महदेवा निवासी कृष्ण गोपाल मिश्रा के यहां 15 लाख की चोरी हुई। इसमें मुकदमा तो दर्ज हुआ पर कार्रवाई आज तक नहीं हुई। मुल्जिम खुलेआम घूम रहा है।

पिपरहवा निवासी पवन वर्मा अपनी सर्राफा की दुकान बंद कर घर जा रहा था कि रास्ते में मोहनाजोत के पास कट्टे के बल पर लूट लिया गया। इसमें भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

5 फरवरी को महदेइया के चार घरों में चोरों ने दुस्साहस दिखाया, जिसमें हसमत के घर से कपड़ा, बर्तन, नगदी सहित करीब 35 हजार रुपये की चोरी की। मतीउल्लाह के किराना की दुकान के शटर का ताला तोड़कर हजारों की चोरी, महेश के घर कमरे में लगा ताला तोड़कर चांदी के पायल सहित 6 हजार नगदी सहित सुधिराम के घर में भी घुसकर चोरी किया। सूचना पर पुलिस को पहुंचने में दो घंटा लग गया पर इनमें से किसी का मुकदमा लिखा नहीं गया।

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'' जो भी घटनाएं घटती हैं, मुकदमा दर्ज किया जाता है। मेरे तैनाती के बाद से कोई दलाल यहां नजर नहीं आया। महदेवा में चोरी की घटना का पर्दाफाश बहुत जल्द हो जायेगा। अलीगढ़वा में मोबाइल के दुकान में कोई चोरी नहीं हुई है। मकान मालिक व दुकानदार में नहीं बनती है। इसलिए फर्जी दिखाया गया है। क्षेत्र में तस्करी पर पूर्णरूप से प्रतिबंध है। यहां पर शांतिपूर्ण माहौल है।''

वंशराज थानाध्यक्ष

कपिलवस्तु


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