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कोल्ड क‌र्फ्यू से थर्राया जनपद, इंतजाम नाकाफी

सिद्धार्थनगर : बीते कई दिनों से भीषण ठंड के चलते पूरे जनपद में कोल्ड क‌र्फ्यू जैसा माहौल है। सर्

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 10:34 PM (IST)
कोल्ड क‌र्फ्यू से थर्राया जनपद, इंतजाम नाकाफी

सिद्धार्थनगर : बीते कई दिनों से भीषण ठंड के चलते पूरे जनपद में कोल्ड क‌र्फ्यू जैसा माहौल है। सर्दी के सितम से आमजन का घरों से निकला दूभर है। सबसे बुरा हाल गरीब परिवारों का है। जिनके तन पर कपड़ा नहीं और रहने को एक अदद छत नसीब नहीं है।

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हवा व गलन के चलते आमजन की मुसीबतें सातवें आसमान पर है। लोगों का घरों से निकला दूभर हो गया है। लोगबाग जरूरत पड़ने पर ही घरों से निकल रहे है। कड़ाके की ठंड ने इस कदर पांव पसार लिया है कि हर परिवार में एक-दो सदस्य बुखार व जुकाम से पीड़ित हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। दुकानों पर व्यवसायी सिर्फ ग्राहकों की राह देखने तक ही उनका व्यवसाय सिमटकर रह गया है। सर्वाधिक दिक्कत बच्चों व बूढ़ों की है। इन दोनों वर्गो को ठंड का भय कुछ अधिक ही है। ठंड से जनजीवन को पूरी तौर से प्रभावित कर रखा है। निराश्रित व असहायों की मदद के अलावा जगह-जगह अलावा आदि की व्यवस्था प्रशासन ने बना रखी है। इसके बावजूद शहर हो या देहात, अलाव व्यवस्था व कंबल वितरण का कार्य इक्का-दुक्का ही दिख रहा है। कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए तहसीलों में रैन बसेरा की स्थापना, कंबल वितरण व अलाव की व्यवस्था दी गई है। मौके पर हकीकत को देखा जाये तो प्रशासन की तैयारियों पर कड़ाके की ठंड भारी पड़ रही है।

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16 अलाव से 785 गांवों को गर्मी

बांसी : इस कड़ाके की ठंड में हर कोई आग की तपिश से गर्मी लेने की जुगत में लगा है। बावजूद प्रशासन का राहत कोष ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित हो रहा है। आबादी भले बढ़ रही हो पर उसकी राहत वितरण व्यवस्था उसी पुराने ढर्रे पर चल रही है। उसकी कंजूसी का यह आलम है कि तहसील क्षेत्र में कुल राजस्व गांवों की संख्या 785 है, पर इतने कड़ाके की ठंड में उसने इस बार भी सिर्फ 16 स्थानों पर ही अलाव जलवाने की व्यवस्था की है। तहसीलदार ओम प्रकाश गुप्ता का कहना है कि कुछ जगहों पर गीले बोटे जलाये जाने की शिकायत मिली है जिसके लिए लेखपाल को हिदायत दिया हूं। आज की ठंड को देखते हुए हर स्थलों पर लकड़ी की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है। रही बात सिर्फ 16 जगहों पर अलाव जलवाने की तो ऊपर से जो निर्देशित होता है उसी अनुसार कार्य किया जाता है।

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ठंड दो की मौत

तहसील क्षेत्र में ठंड का सितम पूरे चरम पर है। कोहरे के साथ शीतलहर व बर्फीली हवाओं से हर कोई ठिठुर रहा है। भवानीगंज थानान्तर्गत जलालपुर व भवानीगंज में दो मौतें हुई। ग्राम जलालपुर निवासी गल्ले कहार (65वर्ष) पुत्र राम प्रसाद की बीती रात्रि ठंड लग गई, रात में उनकी तबीयत बिगड़ी, भोर में परिवार के लोगों ने नजदीक स्थित प्राइवेट चिकित्सक को बुलाया, परंतु उपचार से पहले सुबह करीब 5 बजे उनकी मौत हो गई। भवानीगंज निवासी तुलसीराम (40 वर्ष) पुत्र राम प्रसाद की रविवार सायं अचानक सीने में दर्द हुआ। तुरंत घर वाले उनको लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवा ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही मृत्यु हो गई। दोनों गांव के प्रधान ने मौत की वजह ठंड बताई। एसडीएम संतोष कुमार सिंह ने कहा कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट ठंड की पुष्टि नहीं हो सकती है। वैसे सूचना पर वह खुद अपने स्तर से वस्तु स्थिति का पता लगा रहे हैं।

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ठंड के साथ गलन बढ़ी

सर्द हवाओं के साथ पड़ रही कड़ाके की ठंड से पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भोर से ही घने कोहरे के चलते सड़क पर कोल्ड क‌र्फ्यू जैसे हालात दिखाई दे रहें हैं। क्षेत्र के प्रमुख स्थानों पर जहां सरकारी अलाव कागजों में जल रहे हैं, वहीं एसबीआई बढ़या शाखा प्रबंधक डीपी यादव द्वारा बैंक के सामने अलाव की व्यवस्था होने से चौराहा निवासी राहत महसूस कर रहे हैं। नफीस ने बताया कि आवागमन में सबसे अधिक परेशानी गरीब तबके के लोगों को उठानी पड़ रही है। संपन्न लोग तो महंगे ऊनी वस्त्र पहन कर घर से निकल लेते हैं, मगर गरीब के पास स्वेटर की कौन कहे एक शाल भी नहीं रहती। रमेश सोनी ने बताया कि तहसील द्वारा अभी तक कंबल वितरण नहीं कराया गया, जिससे ठंड में ठिठुरने की मजबूरी है। तहसीलदार आरबी राम ने बताया कि तहसील को एक हजार कंबल मिले थे, जिसे पात्र लोगों में बांटा जा चुका है। रही बात अलाव की तो सभी लेखपालों को इसके प्रबंध के लिए कड़े निर्देश दिए जा चुके हैं।

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''असहायों व निराश्रितों की सहायता के साथ ही अलाव की व्यवस्था के लिए सभी उपजिलाधिकारियों, तहसीलदारों को कड़े निर्देश दिये गये हैं। प्रत्येक तहसीलों में स्थापित होने वाला अस्थायी रैन बसेरा का अब तक कोई इंतजाम नहीं हो सका है। हर तहसील को 8-8 सौ कंबल वितरण के लिए भेजा जा चुका है। जबकि अलाव के प्रत्येक तहसील को 50-50 हजार रुपये भी उपलब्ध कराया गया है।''

डा. सुरेन्द्र कुमार

जिलाधिकारी, सिद्धार्थनगर


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