खाद के लिए किसान हलकान
सिद्धार्थनगर : धान के कटाई के ठीक पहले आए चक्रवात के कारण कम हुए उपज से किसान वैसे ही परेशान हैं।
सिद्धार्थनगर :
धान के कटाई के ठीक पहले आए चक्रवात के कारण कम हुए उपज से किसान वैसे ही परेशान हैं। गेहूं की बोआई के लिए खाद की किल्लत ने उनकी परेशानियों में और इजाफा कर दिया है। सहकारी समितियों से निराश अन्नदाता मजबूर होकर प्राइवेट दुकानदारों के शोषण का शिकार हो रहा है। किसानों की मजबूरी का लाभ उठा दुकानदार डेढ़ से दो सौ रुपया प्रति बोरी अधिक दाम वसूल रहे हैं।
बोआई के प्रारंभिक दौर से ही सहकारी समितियों से खाद गायब अब तक केंद्रों पर नहीं उपलब्ध है। क्षेत्र के किसानों का एक मात्र सहारा पीसीएफ केंद्र बढ़नी कोल्ड स्टोरेज से था, जहां खाद आसानी से मिल जाया करती थी। परंतु एक पखवारे से यहां भी खाद का संकट छाया हुआ। डीएपी कौन कहे, यूरिया तक नहीं मिल पाती है। जिसके कारण किसानों को मायूस लौटना पड़ रहा है। शुक्रवार को केंद्र पर मिले परसा हुसैन के मंगल प्रसाद ने बताया कि दो सप्ताह से खाद के लिए पीसीएफ केंद्र का चक्कर लगा रहा हूं। सेखुई गांव के रहने वाले संतोषी ने बताया जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते समितियों से खाद मिलना टेढ़ी खीर बना ही था, अब इस केंद्र से भी यूरिया भी मिलना मुश्किल हो गया है। टिकरिया निवासी नन्हें ने बताया चक्रवात के कारण धान की कटाई में वैसे ही देरी हुई अब यूरिया न मिलने से गेहूं की फसल भी प्रभावित होने की संभावना प्रबल होती जा रही है। राम अधारे ने बताया कि प्राईवेट दुकानदार यूरिया की किल्लत जान निर्धारित मूल्य 334, 348 के स्थान पर 450 से 500 रुपया तक ले रहे हैं। राम सुरेश, फैसल, राम निहाल, लौटन आदि ने जिलाधिकारी से समितियों व केंद्र पर खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।
इस बारे में पीसीएफ के जिला प्रबंधक रोहित गुप्ता ने बताया कि एक रैक लोडिंग में है। जो रविवार तक आ जाएगी। आते ही जिलाधिकारी के माध्यम से आवंटन करा कर बढ़नी पीसीएफ केंद्र सहित पूरे जिले में यूरिया उपलब्ध हो जाएगी।