खाद के लिए किसान परेशान
सिद्धार्थनगर : सहकारी समितियों से निराश अन्नदाता मजबूर होकर प्राइवेट दुकानदारों के शोषण का शिकार हो
सिद्धार्थनगर : सहकारी समितियों से निराश अन्नदाता मजबूर होकर प्राइवेट दुकानदारों के शोषण का शिकार हो रहे हैं।
बोआई के प्रारंभिक दौर में सहकारी समितियों से खाद गायब है। एक मात्र सहारा पीसीएफ केंद्र बढ़नी कोल्ड स्टोरेज से था, जहां खाद आसानी से मिल जाया करती थी। परंतु इन दिनों यहां भी खाद का संकट छाया हुआ। डीएपी कौन कहे, यूरिया तक नहीं मिल पाती है। जिसके कारण किसानों को मायूस लौटना पड़ रहा है। बृहस्पतिवार को केंद्र पर मिले परसा हुसैन निवासी किस्मत लाल अग्रहरि ने बताया कि दो दिनों से खाद के लिए चक्कर मार रहे हैं, मगर हासिल कुछ भी नहीं हो रहा है। कोरई बनियां गांव के रहने वाले राम सजीवन ने बताया जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते समितियों से खाद मिलना टेढ़ी खीर बना ही था, अब इस केंद्र से भी यूरिया मिलना मुश्किल हो गया है। परसा इमाद निवासी मुहम्मद असलम ने बताया चक्रवात के कारण धान की कटाई में वैसे ही देरी हुई अब खाद न मिलने से बोआई में विलंब हो रहा है। बैदौला के सत्य नारायण यादव ने खाद के लिए दुखड़ा रोते हुए कहा कि प्राइवेट दुकानदार संकट का खूब लाभ उठाते हैं और मनमाने दाम पर खाद बेच रहे हैं, बावजूद इसके नियंत्रण लगाने वाला कोई नहीं है। राम सुरेश, फैसल, राम निहाल, लौटन आदि ने जिलाधिकारी से समितियों व केंद्र पर खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।
पीएसएफ बढ़नी के केंद्र प्रभारी राजेश कुमार का कहना है कि खाद आई थी, जिसका वितरण तीन दिन पूर्व किया गया, और डिमांड की गई है, जैसे ही खाद आती है उसका वितरण किसानों में किया जाएगा।