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प्राचीन धार्मिक तीर्थ स्थल है भारतभारी

सिद्धार्थनगर : तहसील मुख्यालय से आठ किमी दूरी पर स्थित धार्मिक तीर्थस्थल भारत भारी मेले का शुभारं

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 10:52 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 10:52 PM (IST)
प्राचीन धार्मिक तीर्थ स्थल है भारतभारी

सिद्धार्थनगर :

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तहसील मुख्यालय से आठ किमी दूरी पर स्थित धार्मिक तीर्थस्थल भारत भारी मेले का शुभारंभ हर वर्ष की तरह सोमवार से होने जा रहा है। ये स्थान अपने इतिहास में कई काल खंडों का रहस्य समेटे हुए है। पौराणिक महत्व के अलावा ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विख्यात इस स्थल पर कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले में क्षेत्रीय लोगों के अलावा भारत के कोने-कोने से लोग मेले में आते है और पवित्र सरोवर में स्नान कर पूजा पाठ करते है।

भरत कुंड जलाशय, शिव मंदिर, रामजानकी मंदिर, माँ दुर्गा व हनुमान जी का भव्य मंदिर धार्मिक स्थल की शोभा बढ़ाने के साथ श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। भरत कुंड सरोवर का पानी हमेशा स्वच्छ व निर्मल रहता है, इस सरोवर में घास फूस का एक तिनका भी नही दिखाई देता। कार्तिक पूर्णिमा के अलावा विभिन्न त्योहारों पर भी यहां मेले का आयोजन होता है। त्रेता युग में श्रीराम-रावण युद्ध के दौरान जब मेघनाथ लक्ष्मण पर बीरघातिनी शक्ति वाण का प्रयोग किया और लक्ष्मण मूर्छित हो गये, तब सुषेन वैद्य के कहने पर हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर आकाश मार्ग से लौट रहे थे, तो इसी स्थल पर पूजा कर रहे भरत ने अयोध्या का कोई शत्रु समक्ष कर वाण चला दिया, वाण लगने से हनुमान जी पर्वत के साथ वही गिरे, जिससे उक्त स्थल पर पवित्र सरोवर का उदय हुआ। एक अन्य मान्यता कि महाराज दुष्यंत के पुत्र भरत ने इसे अपनी राजधानी बनाया था, जिससे इसका नाम भरत भारी पड़ा। राम रावण युद्ध में जब रावण की मौत हो गयी, तब श्रीराम पर ब्रह्म हत्या का आरोप लगा, तब कोई भी पुरोहित उसके निवारण के लिए तैयार नही हुआ, तो गुरू वशिष्ठ ने कन्नौज से दो नाबालिग बालकों को अयोध्या लाकर जनेऊ कराकर यज्ञ पूर्ण कराया तब उनका ब्रह्म हत्या दोष दूर हुआ। लेकिन वापस घर जाने पर बालकों को घर वालों ने त्याग दिया। फलस्वरूप वह पुन: वशिष्ठ जी से आकर मिले तब श्रीराम ने वाण चला कर कहा कि जहां यह वाण गिरे, वही अपना निवास स्थान बना कर जीवन यापन करे, जो वाण भरत भारी में आ गिरा जिससे इस विशाल सरोवर का निर्माण हुआ।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के प्रोफेसर सतीश चंद्र व एसएन सिंह सहित गोरखपुर विश्वविद्यालय के डा. कृष्णा नंद त्रिपाठी ने भारत भारी का स्थलीय निरीक्षण करके मूर्तियों, धातुओं पुरा अवशेषों के अवलोकन के बाद टीले के नीचे एक समृद्ध सभ्यता होने की बात कही है। उनके द्वारा ले जाए गये अवशेषों को गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के संग्रहालय में भी देखा जा सकता है।

भारत भारी टीले के नीचे व आसपास के क्षेत्रों में फैले एक समृद्ध नगर के इतिहास को ग्रामीण जाने अनजाने में नष्ट कर रहे हैं। खुदाई के दौरान मोटी-मोटी दीवारें व कुएं मिलते है जिनके ईटों को उखाड़ कर ग्रामीण अपने प्रयोग में ले रहे है। जिससे प्राचीन टीले पर संकट खड़ा हो रहा है।

प्रशासन ने संभाली मेले की बागडोर

ऐतिहासिक भारत भारी में कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले की सारी बागडोर प्रशासन ने अपने हाथ में ले ली है। इसके लिए प्रशासनिक मेला प्रबंध समिति गठित की गई है। एसडीएम डुमरियागंज संतोष सिंह की अध्यक्षता में गठित इस समिति में पुलिस क्षेत्राधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी, तहसीलदार व खंड विकास अधिकारी डुमरियागंज, जिला मनोरंजन अधिकारी एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी शामिल किए हैं।

पूर्व में मेले की व्यवस्था शिव मंदिर के सर्वराकार बाबा आर. के. परदेशी द्वारा की जा रही थी, जिनकी मृत्यु के उपरांत मेला प्रबंधन पर अधिकार पाने हेतु चार दावेदारों में विवाद उत्पन्न हो गया। विवाद के चलते जिलाधिकारी डा. सुरेन्द्र कुमार द्वारा मेला प्रबंधन की व्यवस्था अस्थायी रूप से (सक्षम न्यायालय का निर्णय किसी भी दावेदार के पक्ष में प्राप्त होने तक) प्रशासन के जिम्मे सौंप दी है। निर्णय यह भी हुआ कि मेले में प्राप्त आय और व्यय के उपरांत अवशेष धनराशि को एक अलग खाते में सुरक्षित रख दिया जाएगा और जिस दावेदार के पक्ष में न्यायालय अंतिम फैसला देगा, उसे यह धनराशि उपलब्ध करा दी जाएगी।

प्रशासनिक मेला प्रबंधन समिति की बैठक शुक्रवार सायं पांच बजे तहसील सभागार में आहूत हुई। जिसमें आगामी 3 नवंबर को उद्घाटन के जरिए प्रारंभ होने वाले मेले की तैयारी पर चर्चा की गई। दुकानों को व्यवस्थित तरीके से लगाने, सुचारू मार्गो, स्वास्थ्य सेवा, सुरक्षा आदि को लेकर विचार विमर्श किया गया। उपजिलाधिकारी संतोष सिंह व पुलिस क्षेत्राधिकारी राम केवल सरोज ने कहा कि मेले में अराजकता फैलाने अथवा अवैध वसूली करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

पर्याप्त रहेगी सुरक्षा व्यवस्था

सुरक्षा की बाबत डुमरियागंज कोतवाल डा. उपेन्द्र राय ने बैठक में बताया कि 10 सब इंस्पेक्टर, 60 कांस्टेबल, 2 महिला सब इंस्पेक्टर, 7 महिला कांस्टेबल, डेढ़ सेक्शन पीएसी, टीएल गैस स्कार्ट, फायर सर्विस, वायरलेस सब स्टेशन की व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा के सभी बिंदुओं पर गौर किया जाएगा, किसी भी बिंदु पर ढिलाई नहीं बरती जाएगी। बैठक में बीडीओ चंद्रशेखर प्रसाद, जिला मनोरंजन अधिकारी राकेश लाल श्रीवास्तव, हरि प्रसाद श्रीवास्तव, जितेन्द्र सिंह, रमेश चंद्र आदि उपस्थित रहे।


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