ऐसे तो मिल चुके गुमशुदा बच्चे
सिद्धार्थनगर : गुमशुदा बच्चों को लेकर पुलिस महानिदेशक ए.एल.बनर्जी गंभीर हैं। इसके लिए सभी पुलिस अधीक
सिद्धार्थनगर : गुमशुदा बच्चों को लेकर पुलिस महानिदेशक ए.एल.बनर्जी गंभीर हैं। इसके लिए सभी पुलिस अधीक्षकों को बाकायदा निर्देश जारी है। बावजूद इसके अभियान में कोई तेजी नहीं आ सकी है। माह भर बाद भी गायब बच्चों की संख्या वही है, जो पहले थी।
छह माह पूर्व गायब बच्चों की संख्या 10 थी। अब 15 बच्चे सूची में हैं। साल भर से इस संख्या में वृद्धि जारी है, हालांकि कुछ बच्चों को पुलिस ने एनजीओ की मदद से उनके परिजनों को सौंपा भी हैं, मगर उनकी संख्या न के बराबर है। पिछले पांच वर्षो से यहां गायब बच्चों की संख्या दस से ऊपर ही रही। हालांकि पुलिस कहती है कि उसकी तलाश से कई बच्चे मिलते भी हैं और उन्हें उनके परिजनों को सौंपा जाता है। इधर फिर बच्चे गायब हो जाते हैं। ऐसे में आकड़ा घूम फिर वहीं पहुंच जाता है। डीसीआरबी तो इसी भय से इसका खुलासा नहीं करती। ऐसा नहीं कि यहां गायब बच्चों को खोजने को लेकर कोई तैयारी ही नहीं है। क्राइम ब्रांच में ही मिसिंग सेल गठित है, मगर उसकी भूमिका एससीआरबी व एनसीआरबी में फोटो भेजने तक सीमित है। इसके अलावा जिले में कहीं गायब बच्चों की फोटो नहीं दिखेगी। उनके सहयोग में क्राइम सेल भी है, मगर अभी तक वह भी कोई तीर नहीं मार पाई है। जुलाई को चिल्हिया थाना क्षेत्र के ग्राम गुलजारनगर से गत 30 जून को दोपहर करीब 1 बजे अजय कुमार गुप्ता का बेटा सुधीर (6) गायब हो गया। काफी छानबीन के बाद भी सुधीर का कुछ पता नहीं चला है। पन्द्रह दिनों की परिक्रमा के पश्चात अजय का मुकदमा चिल्हिया पुलिस ने लिखा। गत 17 जुलाई को मोहाना पुलिस ने दो गायब बच्चों के गुमशुदगी का मुकदमा पंजीकृत किया। इससे पूर्व थाना क्षेत्र के खजुरिया रोड से 11 वर्षीय सुमित संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया। 11 वर्षीया एक बालिका मुड़िला गांव से गायब हो गई। वर्ष 2007 में ढेबरुआ थाने के एक ही घर से गायब दो बच्चों को पुलिस अभी तक न ढूंढ पायी है। बता दें निठारी कांड के बाद से सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि गायब बच्चों के मामले में विवेचना तब तक जारी रहेगी, जब तक वह मिल नहीं जाते। इससे गाजियाबाद पुलिस ने तो सक्रियता अपनायी, मगर स्थानीय पुलिस साथियों से भी सबक नहीं ले रही है।
''गुमशुदा बच्चों को तलाशे जाने को लेकर पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों में सक्रियता अपनाए जाने को कहा है। उनके आदेश का गंभीरता से पालन हो रहा है। पुलिस पूरी तरह से एक्टिव है। कुछ बच्चों को तलाश कर उनके परिजनों को सौंपा भी गया है।''
के.के.चौधरी
पुलिस अधीक्षक, सिद्धार्थनगर