घर का कूड़ा सड़क पर, माननीय बेपरवाह
सिद्धार्थनगर : स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत मिशन को लेकर माननीय जन को भी चिंता नहीं है। घर का कूड़ा सड़क प
सिद्धार्थनगर : स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत मिशन को लेकर माननीय जन को भी चिंता नहीं है। घर का कूड़ा सड़क पर फैला हुआ है। कस्बे में सभासद के घर के पास गंदगी है तो गांव में प्रधान आंख मूंदे हैं। सफाई कर्मियों की मनमानी पर तो कोई अंकुश नहीं रह गया है।
दीपावली में घर को स्वच्छ किया तो कूड़ा कचरा सड़क पर फेंक दिया। उठाने के लिए कोई नहीं आया। जिनकी ड्यूटी थी, वह अपनी दिवाली मनाने में ही व्यस्त रहे। राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान का असर महात्मा गांधी की जयंती के पहले व उस दिन ही दिखाई दिया। इसके बाद स्थिति जस की तस हो गई है। गांवों में सफाई व्यवस्था पहले से खराब है। शहर में भी ध्वस्त हो चुकी है। कूड़ेदान का कोई मतलब नहीं रह गया है। शहर के कई वार्डो में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सफाई कर्मी मुख्य मार्गो पर झाड़ू लगाकर कर्तव्यों का इतिश्री कर ले रहे हैं। भीतर की सकरी गलियों व नालियों की सफाई पर ध्यान नहीं है।
जिला मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत भीमापार अन्तर्गत बुद्ध बालिका महाविद्यालय के मुख्य मार्ग पर कूड़ा-कचरा का ढेर लगा हुआ है। इसके प्रति न तो ग्राम प्रधान सजग हैं और न ही क्षेत्रीय नागरिक। संक्रामक बीमारी फैले, उन्हें कुछ भी लेना देना नहीं। विशेष स्वच्छता अभियान के बावजूद इन कूड़ों के ढेर पर किसी की नजर नहीं पड़ रही है। ऐसे में जब तक प्रत्येक नागरिक जागरूक नहीं होगा, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत का सपना साकार नहीं हो सकेगा। ग्राम पंचायतों में स्वच्छता अभियान के तहत जिन बिंदुओं पर ध्यान देने की बात रही वह पूरी तौर से सिर्फ सरकारी फरमान तक ही सीमित है। बिंदुओं में सुरक्षित स्वच्छता के लिए जागरूकता का सृजन, शौचालय निर्माण व उसके उपयोग की आवश्यकता, स्कूलों में पर्याप्त स्वच्छता व बालिकाओं के लिए शौचालय निर्माण, हाथ धोने के महत्व के लिए जागरूकता का सृजन, बच्चों के मल का सुरक्षित निपटान, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन तथा गांव की साफ-सफाई, पेयजल का सुरक्षित रखरखाव व उपयोग जैसे बिंदु शामिल हैं।
सफाई से स्वच्छ वातावरण संभव
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अभय प्रताप सिंह का कहना है कि सफाई के प्रति व्यक्ति को सदैव सजग रहना चाहिए। इससे स्वस्थ शरीर के साथ ही स्वस्थ समाज का निर्माण भी होगा। अभियान शुरू किया जाना ही निश्चय ही सकारात्मक कदम है। इससे समाज के हर व्यक्ति को सक्रिय भागीदारी निभाते हुए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करना चाहिए। स्वच्छता से कई लाभ होते हैं। इससे व्यक्ति के स्वस्थ समाज होने के साथ ही देश व समाज भी स्वस्थ होगा। हर नागरिक को स्वच्छता के प्रति गंभीर हो तो निश्चित तौर से एक खुशहाल समाज की स्थापना होने में कोई कसर नहीं रह जाएगा।
स्वयं की पहल से सफल होगा अभियान
युवा अधिवक्ता करन श्रीवास्तव का मानना है कि स्वस्थ समाज की परिकल्पना स्वच्छता अभियान में सक्रिय भागीदारी से ही संभव है। स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्रत्येक को स्वयं से पहल करनी होगी। इसके लिए हाथ में फावड़ा, झाड़ू लेकर आसपास की गंदगी को साफ करने की पहल होनी चाहिए। अभियान के बाद भी इस दिशा में निरन्तर चिंतन व मनन हो तो समाज के लिए सुखद संदेश होगा। विशेष स्वच्छता अभियान के बाद भी लोगो को सफाई के प्रति ठोस पहल करना चाहिए। अभियान जागरूकता का प्रतीकात्मक पहल है।