कागज में छह लाख खर्च, हालत जर्जर
सिद्धार्थनगर : खुनियांव विकास खंड क्षेत्र में परिषदीय स्कूल निर्माण कमीशनखोरी की भेंट चढ़ चुके हैं।
सिद्धार्थनगर : खुनियांव विकास खंड क्षेत्र में परिषदीय स्कूल निर्माण कमीशनखोरी की भेंट चढ़ चुके हैं। बनते ही जर्जर हो चुके स्कूलों पर विभागीय नजर नहीं है। स्कूली बच्चे मौत के साए में शिक्षा लेने को मजबूर हैं। बावजूद उच्चाधिकारी समेत प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
प्राथमिक विद्यालय बनगवा इसी बदहाली का शिकार है। तीन साल पहले प्राथमिक विद्यालय शनिचरा में तैनात अध्यापक को निर्माण प्रभारी बनाया गया। पांच लाख नब्बे हजार की लागत से बनने वाले भवन में नींव निर्माण से ही मानकों के साथ खेल खेला जाने लगा। नतीजा रहा कि चार फिट जाते ही दीवाल भरभरा कर गिर गई। इसके बाद किसी तरह दुबारा दीवाल खड़ाकर उस छत डलवाने के बाद गुरुजी फरार हो गये। भवन का फर्श व प्लास्टर तक नहीं कराया गया। वर्तमान में स्कूल में 199 छात्र पंजीकृत हैं। जिनके पढ़ाई का जिम्मा एकल अध्यापक अनिल मौर्या के पास है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। यदि पढ़ाई के दौरान भवन गिरा तो बच्चों समेत अभिभावकों को एक बड़ी कीमत चुकानी तय है।
भवन की जांच कराई जा चुकी है। जिसमें सरकारी धन के बंदरबांट की पुष्टि हो चुकी है। भवन प्रभारी के निलंबन की संस्तुति हो चुकी है। धन की रिकबरी के लिए जरूरी कार्यवाही की जा रही है।
पीपी राना
बीईओ, खुनियांव