दो वर्ष से बाल क्रीड़ा प्रतियोगिताएं ठप
सिद्धार्थनगर : परिषदीय शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में प्रति वर्ष आयोजित होने वाले बाल क्रीड़ा समारोह प
सिद्धार्थनगर : परिषदीय शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में प्रति वर्ष आयोजित होने वाले बाल क्रीड़ा समारोह पर ग्रहण लग चुका है। दो वर्ष से खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं हो सका है।
सितंबर महीने से होने वाली खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन 15 नवंबर तक चलता था। न्याय पंचायत स्तर से लेकर ब्लाक, तहसील, जनपद व मंडल स्तर पर प्रतियोगिताएं होती थी, बाद में प्रदेश व राष्ट्र स्तर के खेलकूद में विजयी प्रतिभागी शामिल होते थे। दो बरस के इंतजार के बाद इस वर्ष भी खेल प्रतियोगिता होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं से क्रीड़ा शुल्क लेकर प्रति वर्ष बाल क्रीड़ा प्रतियोगिताएं आयोजित कराता था, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की छुपी प्रतिभाओं को निखारना और उन्हें प्रदेश व राष्ट्र स्तर पर चमकाना था। वर्ष 2009 में शासन द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि बच्चों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं वसूला जाएगा। प्रतियोगिताओं के लिए शासन स्तर से धन उपलब्ध कराने की बात कही गई। 2010 व 11 में प्रतियोगिताएं आयोजित कराई मगर विभागीय सूत्रों की मानें तो सरकार द्वारा धन उपलब्ध नहीं कराया गया, महकमे के अफसरों ने जैसे-तैसे इधर-उधर की व्यवस्था से खेलकूद का आयोजन कराया। वर्ष 2012 में इस प्रकार की प्रतियोगिता पर जो ग्रहण लगता दिखाई दिया, वह अब तक छटता दिखाई नहीं दे रहा है। विभाग व शासन का यदि क्रीड़ा के प्रति यही रवैया रहा तो ग्रामीण प्रतिभाओं का क्या होगा सभी के लिए चिंता का विषय बन गया है।