पुलिस की चौखट पर अतिक्रमण के पांव
सिद्धार्थनगर : इंसाफ का रास्ता खाकी की चौखट से भी गुजरता है। वह न्याय का प्रथम दरवाजा है, मगर उस किव
सिद्धार्थनगर : इंसाफ का रास्ता खाकी की चौखट से भी गुजरता है। वह न्याय का प्रथम दरवाजा है, मगर उस किवाड़ पर अतिक्रमण के पांव हैं। पदचाप पुलिस की तरफ है अथवा ग्रामीणों के, तबाह दोनों है। वर्ष भर से फायर ब्रिगेड ट्रेनिंग सेंटर का प्रस्ताव नहीं भेज पा रहा है तो ग्रामीण अपनी भूमि से उपज नहीं ले पा रहे हैं।
जर, जोरू, जमीन विवाद के तीन आधार हैं। यहां की शांति में भूमि विवाद की दखल कुछ अधिक ही है। वजह अवैध चाहत। इसमें कभी भाइयों का खून बहा तो कभी रिश्तेदारों का और तहसील प्रशासन इन मामलों को लेकर कितना सक्रिय है यह भी किसी से छुपा नहीं है। वह भले अपनी उपस्थिति देर से दर्ज कराए, मगर खेल असली पासा उसी के पास है। उसकी कार्य प्रणाली से आम आदमी तो परेशान है ही, इस बार खाकीधारियों का भी पसीना छूट रहा है। मामला फायर स्टेशन नौगढ़ का। गत एक वर्ष से मुख्यालय फायर बिग्रेड की जमीन पर ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने के लिए प्रस्ताव मांग रहा है, मगर विभाग अभी तक प्रस्ताव नहीं भेज सका। वजह उसके 6 गाटे अतिक्रमण की चपेट में हैं। गाटा संख्या 722, 739, 813, 737, 710 व एक अन्य का सीमांकन तय नहीं है। 6 टुकड़ों की इस जमीन पर किसी ने अतिक्रमण किया है अथवा खाकीधारियों ने स्वयं अधिक भूमि कवर की है, यह ज्ञात नहीं हो पा रहा। अग्निशमन कर्मियों का कहना है कि इसके लिए उन्होंने प्रार्थना पत्र भी लिखा, मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई, जबकि मिर्जापुर के ग्रामीण भी यही कहते हैं। दोनों एक दूसरे पर आरोप भी लगाते हैं। तहसील प्रशासन भूमि की पैमाइश भले न करा सका हो, मगर उसने दोनों ही पक्षों को किसी भी निर्माण कार्य के लिए रोक दिया है।
ट्रेनिंग सेंटर से लाभ
अग्निशमन प्रशिक्षण केन्द्र बनने से यहां एक साथ 200 जवानों को प्रशिक्षित किया जा सकेगा। इससे आगजनी की घटनाओं पर तेजी से अंकुश तो लगेगा ही, ट्रेनिंग चलने से कुछ व्यक्तियों को रोजगार भी मिलेगा।
''फायर बिग्रेड की जमीन छह टुकड़ों में है। जमीन पर अतिक्रमण होने के चलते प्रस्ताव नहीं तैयार हो पा रहा है। हमें तो यही नहीं ज्ञात हो पा रहा है कि भूमि की सीमा क्या है? मुख्यालय द्वारा एक वर्ष से लगातार प्रस्ताव मांगा रहा है। ऐसे प्रस्ताव कैसे भेजा जाए?''
आर.पी.राय
अग्निशमन अधिकारी
''फायर बिग्रेड द्वारा निर्माण की कुछ शिकायत मिली थी। उन्हें रोक दिया गया है। वहां पैमाइश के बाद ही कोई निर्माण हो सकेगा। जल्द ही भूमि की पैमाइश करायी जाएगी।''
आर.डी.राम
उपजिलाधिकारी, नौगढ़
''भूमि पर किनारे अतिक्रमण संभव है। जांच के बाद ज्ञात हो सकता है कि यह किसके द्वारा किया गया है, मगर ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण तो जमीन के भीतर होगा, न कि किनारे। इससे काम प्रभावित नहीं हो सकता।''
के.के.चौधरी
पुलिस अधीक्षक, सिद्धार्थनगर