सिर्फ ख्यालों में मौजूद बिजली
सिद्धार्थनगर : परिषदीय विद्यालयों में बिजली, पंखा लगाये जाने के सरकारी फरमान जिम्मेदार भूल गये। बच्चों को पंखे की हवा नसीब नहीं हो रही। स्कूलों में आया कंप्यूटर दूसरे विभाग को सेवा दे रहा है। वायरिंग के नाम पर सिर्फ खानापूरी की गयी।
भनवापुर विकास खंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय अमौली एकडेंगा में पांच वर्ष पूर्व वायरिंग कर छोड़ दिया गया। विद्युतीकरण न होने से अधिकांश उपकरण गायब हो गए। प्रधानाध्यापक छिपावन का कहना है कि विद्युतीकरण न होने से बोर्ड, वायरिंग, पंखा सब बेकार हो चुके हैं। प्राथमिक विद्यालय डेंगहा जोत कस्तुरी में स्कूल के बगल दस केवीए का ट्रांसफार्मर लगा है, मगर वायरिंग खराब हो जाने के चलते कनेक्शन नहीं लिया जा रहा है। जबकि यहां एसबीआई शाखा चौखड़ा द्वारा पांच पंखा निशुल्क दिया गया है। प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रमेंद्र चौहान का कहना है कि वायरिंग खराब होने के चलते कनेक्शन नहीं लिया जा है।
प्राथमिक विद्यालय महतिनियां बुजुर्ग में स्कूल के बगल ट्रांसफार्मर होने के बाद भी बिजली का लाभ बच्चों को नहीं मिल रहा। प्रधानाध्यापक अनिल मिश्र का कहना है कि वायरिंग मेरे कार्यकाल का नहीं है। पांच वर्ष पूर्व वायरिंग के लिए 25 हजार रुपये स्कूल को मिले थे। कनेक्शन के लिए विभाग द्वारा कोई पैसा नहीं मिला है। कमोवेश यही स्थिति ब्लाक क्षेत्र के अधिकांश परिषदीय विद्यालयों की हैं।
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''कुछ स्कूलों में वायरिंग के लिए पचीस-पचीस हजार रुपये मिले थे, जिसे वायरिंग करने वाली फर्म के नाम पर भुगतान किया गया है। कनेक्शन के लिए विद्युत विभाग को पत्र लिखा गया है, मगर वहां से कोई पहल नहीं हो रही है। बिजली के अभाव में जो बोर्ड समेत उपकरण खराब है, कनेक्शन होने के बाद उस पर विचार किया जाएगा।''
हर गोविंद सिंह
बीईओ, भनवापुर
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''शिक्षा विभाग द्वारा कनेक्शन के लिए कोई डिमांड नहीं की गई है, और न ही भुगतान मिला है। यदि विभाग तैयार हो तभी कनेक्शन की कार्यवाही संभव है।''
वीपी सिन्हा
अवर अभियंता विद्युत, इटवा