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वायरिंग के खेल में बिजली गुल

By Edited By: Published: Sun, 14 Sep 2014 09:37 PM (IST)Updated: Sun, 14 Sep 2014 09:37 PM (IST)
वायरिंग के खेल में बिजली गुल

सिद्धार्थनगर : विभागीय मेहरबानी के चलते वायरिंग के खेल में स्कूली बिजली गुल है। सेटिंग वाले ठेकेदारों से काम करा कर महकमा कागजी कोरम पूरा करा लिया। घटिया क्वालिटी के तार, स्वीच बोर्ड का प्रयोग करने से व्यवस्था ध्वस्त हो गयी। जिम्मेदार एक दूसरे पर निशाना साधकर मौन हैं।

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खुनियांव विकास खंड के 188 प्राथमिक व 61 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में करीब 128 स्कूलों में बिजली देने के लिए पूरे भवन में वायरिंग के लिए 22 हजार रुपए की दर से भुगतान कर दिया। कमीशन के खेल में विभागीय जिम्मेदार चहेते ठेकेदारों से काम कराया, जिससे खामियां देख कर भी कोई अध्यापक शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। प्राथमिक विद्यालय पकड़ी नंदलाल में बिना वायरिंग के ही पैसा हड़प कर लिया गया। स्कूल के बगल तक ग्यारह हजार की लाइन जरूर पहुंचा दी गई। लेकिन ट्रांसफार्मर आज तक न लगने से स्कूल बिजली बिन सूना है। प्रधानाध्यापिका सुभावती यादव का कहना है कि मामला मेरे कार्यकाल के पहले का है। कुछ भी नहीं बता सकती। प्राथमिक विद्यालय हरैया में घटिया वायरिंग किये जाने से वर्तमान में तार सड़ सड़ कर गिर रहे हैं, तो वहीं उपयोग के अभाव में ट्रांसफार्मर शो-पीस बना हुआ है। पोल से स्कूल में पहुंचायी गई केबिल जर्जर हो गई है, तो वही आपूर्ति के दौरान किसी बच्चे के ऊपर गिरा तो बड़ा हादसा घटने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सहायक अध्यापक मो. अकरम ने बताया कि थोड़ी कमियां होती तो स्वयं के खर्चे से सही कराया जा सकता था। मगर पूरी वायरिंग खराब होने से उसे ठीक कराना संभव नहीं है। प्राथमिक विद्यालय दर्शनियां, करहिया गोसाई, कटेश्वरनाथ, बेनीपुर, रूद्रौलिया, धोबहा, लटेरा, कुनगाई, लोहटा, अकोल्हिया आदि स्कूलों में वायरिंग की स्थिति तो काफी खराब है। कनेक्शन न मिल पाने के चक्कर में स्वीच बोर्ड समेत पंखा स्कूल से गायब हो चुके है। जहां वायरिंग कुछ हद तक ठीक है वहां पोल के अभाव में सप्लाई नहीं पहुंच रही। पूर्व माध्यमिक विद्यालय रूद्रौलिया, कल्येनिया व अकोल्हिया में बिजली के अभाव में छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा नहीं मिल रही। सूत्र बताते हैं कि विभाग ने सिर्फ कनेक्शन लेने के लिए 3200 रुपया बिजली विभाग को दिया गया था। जहां पोल नजदीक थे, वहां किसी तरह से सप्लाई ले ली गई। दूरी वाले स्थलों पर पोल का पैसा न मिलने से बिजली विभाग ने कनेक्शन देने से इंकार कर दिया। विभागीय अधिकारी अलग-अलग राप अलाप रहे हैं, जो जांच का विषय है।

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''जिन स्कूलों के नाम से कनेक्शन जारी हो चुके हैं। संबंधित प्रधानाध्यापकों को व्यवस्था सुधार के लिए कड़े निर्देश दिये गए हैं। खामियां जल्द ही दूर कर ली जाएगी।''

पीपी राना

बीईओ

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''कनेक्शन के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा कोई धन नहीं दिया गया है। विभाग डिमांड करे और स्टीमेट के हिसाब से धन मुहैया कराये तभी विद्युतीकरण संभव है।''

बीपी सिन्हा

अवर अभियंता, विद्युत, इटवा


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