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साहब की लाचारी, मनमौजी कोटेदारी

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 10:41 PM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 10:41 PM (IST)

सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र में कोटेदारों की मौज है। सरकारी नियम कानून का पालन कराने में जिम्मेदार असहाय है। दुकानों पर रेट, स्टाक बोर्ड लगाने की कौन कहे, दुकान का ताला तक नहीं खुलता है। पर्यवेक्षक कौन है किसी को नहीं मालूम। एपीएल कार्डधारकों के हिस्से का अनाज दुकान तक नहीं पहुंच रहा। अधिकतर ग्रामीणों को यह भी पता नहीं कि एपीएल कोटे के अलावा अतिरिक्त कार्ड धारकों के लिए पर्याप्त मात्रा में राशन दुकानों को आवंटित कर हर माह की 23 तारीख से 30 के बीच मुहैया करा दिया जाता है।

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मंगलवार को तहसील क्षेत्र के विकास खंड भनवापुर अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित कोटे की दुकानों का सच सामने आया। सुबह 10.05 बजे डोकम अमया स्थित सरकारी गल्ले की दुकान बंद मिली। रेट स्टाक बोर्ड का कोई अता पता नहीं। कोटेदार राम उजागिर ने बताया कि बोर्ड बनने गया है। अंत्योदय श्रेणी के 41 कार्डधारकों के लिए 1025 किलो चावल व 410 किलो गेहूं, बीपीएल के 70 कार्डधारकों के लिए 1400 किलो चावल, 1050 गेहूं, एपीएल के 356 कार्ड धारकों के लिए 1703 गेहूं, चावल का उठान नहीं। चीनी 344 किलो मिली है। पर्यवेक्षक का नाम पूछने पर बताया कि वह हमेशा बदलते रहते हैं। 10.45 बजे महादेव गजपुर स्थित कोटे की दुकान पर कोटेदार जगराम यादव मिले। दुकान पर ताला लटक रहा था। स्टाक बोर्ड यहां भी नहीं मिला। इसी दुकान से बगल के गांव जिगिना हबीबपुर के लोगों में राशन बांटने की जिम्मेदारी दिखी। महादेव गजपुर के बीपीएल 23, अंत्योदय 36, एपीएल 150 व अतिरिक्त बीपीएल कार्ड 12, जिगिना हबीबपुर के 88 बीपीएल, 53 अंत्योदय, एपीएल के 270 कार्डधारकों में वितरण के लिए राशन व 756 किलो चीनी दुकान पर होने की बात सामने आयी। 11.55 बजे त्रिलोकपुर के कोटेदार राम किशोर सोते मिले। दुकान पर ताला लटका मिला। स्टाक बोर्ड की बात पूछने पर बताया कि वह तो कभी नहीं लगाया जाता। इस दुकान पर भलुहिया, बौरडीह, राम नगर, देवथरी गांव का भी जिम्मा है। वितरण तिथि के बारे में बताया कि दस तारीख के बाद होता है। पर्यवेक्षक कौन है नहीं बता सकते। सत्यापन के बारे में बताया कि रजिस्टर तहसील में मांग लिया जाता है। दुरूस्त करके फिर वापस दे दिया जाता है। यह तो बानगी मात्र है देखा जाये तो समूचे तहसील में कोटेदारों के लिए नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते।

हबीरपुर निवासी राम गुलाम, त्रिभवन, ननकू, राम दयाल, नन्हू, कृपाल, ओरी लाल, बाबूलाल बरसाती ने बताया कि एपीएल व अतिरिक्त खाद्यान्न का वितरण कभी नहीं होता।

''सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था सुचारू करने के लिए संबंधित पर्यवेक्षकों को कड़ा निर्देश दिया जा चुका है। निरीक्षण के दौरान कहीं अनियमितता मिली तो कोटेदार समेत पर्यवेक्षक पर गाज गिरना तय है।''

रामसूरत पाण्डेय

एसडीएम, इटवा


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