मौत का खौफ, बेटे को न छुड़ा पाए प्रभाकर
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : एक पिता के लिए उसके संतान से अजीज कुछ और नहीं हो सकता है। कलेजे के इस टुकड़े पर अकारण कोई प्राण घातक हमला करे तो निश्चित ही दुनियां का कोई भी पिता इसे सहन नहीं कर सकेगा। रविवार रात कुछ ऐसा ही हुआ। बगल के कमरे में बेटे विपिन व भतीजी रूपाली की चीख सुनकर प्रभाकर अपने कमरे से बाहर तो निकले, मगर वह उतनी ही तेजी से वापस आ गए। मौत के खौफ से उन्होंने दरवाजा भीतर से बंद कर लिया। उसके बाद उनके कमरे से बस एक ही आवाज गूंजी। बचाओ-बचाओ कमरे में चोर हैं।
सकतपुर सनई में लूटपाट की घटना के बारह घंटे बाद भी यह मंजर स्वास्थ्य कर्मी प्रभाकर ओझा की पत्नी शिवानी की आंखों में घूम रहा है। 12 वर्षीय बेटा विपिन जिला चिकित्सालय में भर्ती है। भतीजी रूपाली व भाई पवन का भी वहीं इलाज चल रहा है। पति वहां उनकी तीमारदारी में जुटे हैं और घर पर लोग बारी-बारी पहुंच रहे हैं और हर किसी के एक जैसे प्रश्न। बदमाश कैसे आए? क्या लूटा? किसे मारा? आप लोग कहां थे? सवालों के साथ दर्द आंखों में उभर जा रहा है कि बेटा पिटता रहा और गज भर की दूरी पर पति के साथ मौजूद शिवानी न उसे छुड़ा पाई और न ही भतीजी को। स्पष्ट था कि बाहर निकलते तो शायद प्रभाकर भी सुरक्षित न बचते। ऐसे में भीतर से कमरा बंद कर वह यही गुहार लगाते रहे। बचाओ-बचाओ। कमरे में चोर हैं।
घटना के बाद शिवानी ने देखा कि भाई पवन बेहोश हैं। रूपाली बोलने में असमर्थ है। विपिन बोल तो रहा था, मगर दिमाग जैसे संतुलित ही न हो। शिवानी के हर सवाल में उसने बस यही जवाब दिया। हटो, मार देंगे। घटना को लेकर परिजन ही नहीं, ग्रामीण भी दहशत में हैं कि कहीं फिर कोई परिवार बदमाशों का शिकार न जाए।
ग्रामीण बच्चों का चेहरा देखकर दंग हैं कि बदमाशों को उनकी मासूमियत पर भी तरस न आया। बच्चों को उन्होंने हैवानों की तरह पीटा है। रूपाली का जबड़ा टूटा है तो बिपिन का सिर चकरा रहा है।
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मेरी तो साइकिल भी उठा ले गए
सकतपुर के विजय भान मिश्रा के बेटे को शिकायत है कि बदमाश उसकी रेंजर साइकिल भी उठा ले गए हैं। इस बेचारे को तो यही चिंता है कि किसी तरह से उसकी साइकिल वापस आ जाए।
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यहां तैयार हो रहा था आधार
सनई में लूट की घटना एक दिन का परिणाम नहीं है। दरअसल सनई व मधुकरपुर क्षेत्र में लूट, चोरी का आधार चोरों ने पहले से तैयार कर रखा है। इससे ठीक एक दिन पूर्व चोरों ने सनई के पूर्व प्रधान के घर में चोरी की थी। वर्ष भर पूर्व मधुकरपुर चोरों का केन्द्र बना हुआ था। यहां फौजी समेत कई घरों को चोर अपना निशाना बना चुके हैं।