नेपाल के पानी से बाढ़ का खतरा, दहशत
सिद्धार्थनगर :
नेपाल में भारी वर्षा के चलते बुद्ध भूमि पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। शनिवार को नदियों का जल स्तर अचानक बढ़ गया। बूढ़ी राप्ती और घोघी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुकी है। प्रशासन ने सभी बाढ़ राहत केन्द्रों को खोलने का निर्देश दिया है। स्थिति की नजाकत भांपते हुए जिलाधिकारी एसपी मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक केके चौधरी ने बंधों का निरीक्षण किया।
जनपद के कुल आठ नदियां और नाले उफान पर हैं। बूढ़ी राप्ती का ककरही में जल स्तर 86.875 मीटर है, जो लाल निशान 85.650 से उपर है। घोघी का लोटन पुल पर खतरे का स्तर 87.30 मीटर है, जो लाल निशान 87.0 से पार है। बानगंगा, राप्ती व कूड़ा लाल निशान छूने को बेताब है। अचानक पानी बढ़ने से प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीर बढ़ गयी है। आनन-फानन में जिलाधिकारी एसपी मिश्र ने सभी उपजिलाधिकारी एवं पुलिस क्षेत्राधिकारी को आरटी संदेश से सूचना दिया कि नेपाल राष्ट्र में अत्याधिक वर्षा होने के कारण राप्ती नदी के जल स्तर में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे जनपद की अन्य नदियों के जल स्तर में भी वृद्धि होने की संभावना है। निर्देश में जान माल की सुरक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है। बाढ़ शरणालय एवं राहत केन्द्रों को सक्रिय करने के लिए अपर जिलाधिकारी जगदीश ने भी सबको अलर्ट किया है।
शोहरतगढ़ संवाददाता के मुताबिक वानगंगा खतरे के निशान तक पहुंच गई है। मुख्य वानगंगा बैराज के हेड पर झरुआ मोड़ के पास कटान होने लगी है। विभाग कटान को रोकने के लिए बचाव में जुट गया है। क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में पानी घुस जाने से कैलाश यादव, सुखदेव यादव, राजेश के मिट्टी व छप्पर के मकान गिर गये हैं, जबकि दुखराम मौर्य लवकुमार वर्मा के मकान में बाढ़ का पानी घुस जाने से घर में रखे खाद्य सामग्री भीग गये। पूरा परिवार घर खाली करके सड़क पर आ गया है। वानगंगा बैराज से पूरब पतियापुर में उत्तर तरफ सेमरा माइनर में बाढ़ का पानी आ जाने से लगभग सौ मीटर नहर कट गई, जिससे धान की फसल डूब गयी है। ग्रामवासी बेचन गोस्वामी, कृष्ण कुमार चौधरी, सूर्यमान यादव, गिरजेश आदि ने कहा कि बाढ़ से बचाव का कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है। हरिश्चन्द्र, वासुदेव, सहदेव, सारथी, भगौती, भोला मल्लाह, लक्ष्मन आदि के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गोल्हौरा मुस्तहकम, लेदवा संपर्क मार्ग डूब गया।
जिम्मेदारों के उड़े होश
वाणगंगा और सोतवा नदी में अचानक उफान आ जाने से बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया और संपर्क मार्ग भी डूब गये। यह सुनते ही अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने बाढ़ क्षेत्रों का दौरा कर बचाव के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
यह खबर सुनते विधायक प्रतिनिधि व पूर्व ब्लाक प्रमुख उग्रसेन सिंह ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और ग्रामीणों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने क्षेत्र के नौडिहवा, बसहिया, अमहवा, नदवलिया, पतियापुर, मसिना, झरुआ, जुगडिहवा, कोमर आदि गांव का भ्रमण कर बाढ़ प्रभावितों से कहा कि पानी से घिरे गांव को शासन से मुआवजा दिलवाया जाएगा। कहा कि प्रशासन बचाव के लिए कटान स्थल पर लकड़ी का बोटा और पत्थर की गिट्टी डालकर रोकने का प्रयास कर रहा है। जहां नहर कट गई है उसे ठीक कराया जा रहा है ताकि फसल को नुकसान न हो सके।
पूर्व ब्लाक प्रमुख उग्रसेन सिंह ने अपने क्षेत्रीय दौड़ा में कहा कि नेपाल के पहाड़ों पर पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश होने के कारण बाणगंगा और सोतवा नाला उफना गया, जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। सपा नेता वीरेन्द्र तिवारी, अधिशासी अभियंता अयोध्या प्रसाद, एसडीएम शिव बहादुर सिंह, अवर अभियंता लोनिवि उमेश चन्द्र राम, अवर अभियंता पारस प्रसाद, एसडीओ सिंचाई विमल, अवर अभियंता घनश्याम चौधरी, राणा सिंह आदि मौजूद रहे।