हत्याभियुक्त को आजीवन कारावास
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : जमीनी विवाद को लेकर वर्ष 2009 में हुई सीताराम की हत्या में गुरुवार को अपर जिला जज कोर्ट से एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने हत्याभियुक्त पर दो अलग धाराओं में पच्चीस हजार का जुर्माना भी लगाया है। जबकि दंडाधिकारी ने इसमें शामिल एक नाबालिग अभियुक्त का मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड बस्ती के सुपुर्द कर दिया है।
डुमरियागंज के थाना भवानी गंज स्थित ग्राम जैतापुर निवासी पप्पु उर्फ राम कृष्ण पुत्र राम सवारे का अपने ही पट्टीदार सियाराम यादव से जमीनी विवाद चल रहा था। अचानक 6 दिसंबर 2009 को सियाराम अपने घर से लापता हो गये। काफी खोज बीन के बाद जब उनका पता नहीं चला तो उनकी पत्नी इंद्रावती देवी ने 8 दिसंबर 2009 को भवानी गंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराया। खोजबीन में लगी पुलिस को इसी दौरान यह ज्ञात हुआ कि सियाराम के पट्टीदारों ने उसकी हत्या कर लाश को गायब कर दिया है। दौरान जांच पुलिस ने इसे हत्या करार देते हुए पप्पू उर्फ राम कृष्ण सहित पिता राम सवारे, माता कबूतरा देवी व नाबालिग भाई विनोद उर्फ विंदा पर हत्या करने व साक्ष्य मिटाने का मुकदमा दर्ज कर दिया। पांच वर्षो से चल रहे मुकदमें के दौरान ही अभियुक्त राम संवारे व कबूतरा देवी की मौत हो गई। उक्त मुकदमें की सुनवाई करते अपर जिला जज बाबू प्रसाद ने गवाहों के बयानात व प्रथम सूचना रिपोर्ट के कथानक से इत्तफाक रखते हुए पप्पु उर्फ राम कृष्ण को दफा 302 के तहत उम्र कैद व बीस हजार जुर्माना तथा दफा 201 में पांच हजार का जुर्माना लगाते हुए सात वर्ष के कैद की सजा सुनाई, जबकि इसमें शामिल नाबालिग विनोद उर्फ विंदा की पत्रवाली को दंडाधिकारी ने किशोर न्याय बोर्ड बस्ती के सुपुर्द कर दिया।