कटेश्वरनाथ धाम, समस्याओं का झाम
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : इटवा तहसील मुख्यालय के दक्षिणी पूर्वी छोर पर स्थित पौराणिक व ऐतिहासिक प्रसिद्ध कटेश्वरनाथ धाम जिम्मेदारों की उपेक्षा का शिकार है। श्रावण मास में शिव भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके बावजूद मंदिर परिसर में अव्यवस्था का जमकर बोल बाला है। पानी, सड़क, बिजली, शौचालय की समस्या दूर करने के प्रति किसी ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
इटवा-डुमरियागंज मार्ग से सड़वा होते हुए कटेश्वरनाथ धाम करीब दो किमी सफर काफी कांटों भरा है। पड़री गांव के पास मुख्य सड़क पर हमेशा गंदा पानी जमा रहता है। जिसमें पैदल आने जाने वाले श्रद्धालुओं को कीचड़ में चलने की मजबूरी रहती है। पीडब्ल्यूडी विभाग की सड़क जर्जर होकर गढ्डों में तब्दील हो चुकी है। वहीं पड़री गांव के आगे बनी पुलिया दो स्थानों पर बुरी तरह टूट गई है। जिससे चार पहिया वाहनों का निकलना मुश्किल भरा है। मंदिर परिसर में लगा एक मात्र इंडिया मार्का हैंडपंप महीनों से खराब है। जिससे श्रद्धालुओं को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। परिसर व अगल बगल कहीं शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई। जिसके चलते हर साल खास कर महिला श्रद्धालुओं को गंभीर समस्या झेलने की मजबूरी है।
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धार्मिक महत्ता
किवदंतियों के मुताबिक त्रेतायुग में भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने इसी स्थान पर पूजा की थी। उनकी पूजा से प्रसन्न होकर भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हो गये। जिनका नाम कुश के नाम पर जुड़ते हुए कुशेष्वरनाथ पड़ा। युग बदला उसके बाद जब कलियुग आया तो बीरान पड़े क्षेत्र को लोगों ने कृषि कार्य के लिए साफ सफाई करने की ठानी। गांव के ही दिलमान चौधरी अपने घरवालों के साथ जमीन साफ करने के लिए जैसे ही शिवलिंग वाले स्थल पर फावड़े से प्रहार किया। शिवलिंग से खून की धार बहने लगी। जिसे देख लोग हतप्रभ रह गये। जिससे प्रेरित होकर दिलमान चौधरी ने उस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण कराते हुए पवित्र सरोवर खुदवाया। फावड़े के प्रहार से कटे शिव लिंग के निशान आज भी मौजूद है। उसी की वजह से धीरे-धीरे कुशेष्वरनाथ का नाम कटेश्वरनाथ के रूप में तब्दील हो गया। वर्तमान में दिलमान चौधरी के वंशज पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में रह रहे हैं।
मंदिर पुजारी मंगल गिरि समेत राघवेंद्र कुमार, पूर्व प्रधान दर्शनियां मयाराम अग्रहरि, दीन दयाल चौबे का कहना है शुद्ध पेयजल, शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, सड़क आदि समस्याओं के प्रति किसी जन प्रतिनिधि ने कोई ध्यान नहीं दिया।
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स्थानीय स्तर पर निदान होने वाली समस्याओं के बारे में गंभीरता से विचार किया जाएगा। रही बात पानी व सड़क समस्या की तो संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों से पत्र व्यवहार कर उसे भी ठीक कराया जायेगा। मंदिर परिसर में किसी घटना को रोकने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। पूरे सावन महीने शिव भक्तों को कोई परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन सतर्क है।
राम सूरत पाण्डेय
उपजिलाधिकारी, इटवा