Move to Jagran APP

डीपीओ लांघ गए शासन के नियम

By Edited By: Published: Sun, 20 Jul 2014 10:40 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jul 2014 10:40 PM (IST)
डीपीओ लांघ गए शासन के नियम

जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर

loksabha election banner

जिले में करीब पचास फीसद तबादलों पर जिला कार्यक्रम अधिकारी घिरते नजर आ रहे हैं। चहेतों के तबादले से प्रभावित नेता भी विभाग की परिक्रमा कर अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं। नियम के विपरीत तबादलों पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं, हालांकि डीपीओ ने सही कदम बताया हैं।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय का स्पष्ट आदेश है कि पांच वर्ष से अधिक समय तक एक जगह कोई तैनात नहीं रह सकता है। एक साथ सिर्फ दस फीसद कर्मियों का ही तबादला किया जा सकता है, बावजूद सीडीपीओ हो या मुख्य सेविका अधिकांश की नौकरी सत्ता की जुगाड़ पर ही चल रही है। पांच वर्ष से अधिक समय से जमे कतिपय सीडीपीओ का तबादला न कर एक से डेढ़ वर्ष के भीतर इधर उधर किये गए सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं को हटा दिया गया है। अभी तीन माह पहले नौगढ़ से लोटन भेजे गए सीडीपीओ राम सिंह राही पर डीपीओ ने खास मेहरबानी करते हुए खेसरहा का चार्ज सौंपा हैं। क्षेत्र बड़ा है। लोटन में सिर्फ 112 केन्द्र थे जबकि खेसरहा में 223 केन्द्र। एक वर्ष के भीतर ही डुमरियागंज से उसका ब्लाक पर तैनात किये गए सीडीपीओ राजेश यादव को भनवापुर भेजा गया है। गौरी शंकर यादव का तबादला बढ़नी से डुमरियागंज के लिए हुआ है। रविन्द्र यादव को डुमरियागंज से उसका के लिए भेज दिया गया है। दस वर्र्षो से एक ही जगह जमे नीलम वर्मा को मिठवल से नौगढ़, बलराम सिंह को शोहरतगढ़ से बढ़नी में तैनाती मिली है। इसे विभाग सही ठहरा रहा है। हालांकि बांसी में चौदह वर्ष से तैनात सीडीपीओ का स्थान नहीं बदला गया है। 23 मुख्य सेविकाओं का तबादला एक साथ कर दिया गया है। खेसरहा में तैनात मुख्य सेविका नीलमुनी, अनीता, रतनरुपा, बिमला पाण्डेय को एक साथ हटाकर जोगिया, डुमरियागंज एवं भवनापुर में तैनाती दी गयी है, जबकि इनकी जगह पर किसी को नहीं भेजा गया है। अनीता की तैनाती एक वर्ष के भीतर दूसरी है। एक वर्ष के भीतर ही कृष्णा सैनी को लोटन से डुमरियागंज में तैनाती मिली है। विजय लक्ष्मी को जोगिया से बर्डपुर भेजा गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार आंख से कम दिखायी देने वाली कविता को बढ़नी स्थानांतरित किया गया है। लिपिक के स्थानातरण में भी नियम की अनदेखी की गयी है। अपने स्थानातरण से आहत एक सीडीपीओ पहुंच गए डीपीओ से मिलने। पूछा-साहब मेरा कसूर क्या है? एक वर्ष के अंदर आखिर कितनी बार तबादला होगा। जो चौदह वर्ष से जमे हैं उन्हें क्यों नहीं हटाया गया? डीपीओ बोले- देखिए, यह तबादला शिकायत के आधार पर हुआ है। आपकी शिकायतें बढ़ गयी थीं। हैरानी यह है कि कुछ लोगों का तबादला निरस्त करने के लिए डीपीओ पर सियासी दबाव पड़ने लगे हैं।

....................

''शिकायतों के आधार पर तबादला डीएम और सीडीओ की अनुमति के बाद किया गया है। ऐसी कोई बात नहीं है कि सिर्फ दस फीसद का ही स्थानांतरण एक साथ हो सकता है। कुछ लोग तबादला रद्द करने के लिए बेवजह दवाब डलवा रहे हैं, जो अनुचित है। मैने जो किया है वह सही है।''

मनोज कुमार

जिला कार्यक्रम अधिकारी

सिद्धार्थनगर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.