दबंगों के उत्पात पर लाचार दिखी पुलिस
सिद्धार्थनगर : मानना होगा पुलिस महकमे पर सत्ता पक्ष के लोगों का पूरा दबाव है। वह चाहे तो छोटे मामले को बड़ा व बड़े को नजरअंदाज कर दें। ऐसा ही एक वाकया मंगलवार को देर सायं स्थानीय कोतवाली में देखने को मिला। मारपीट के एक मामले में दर्जन भर दबंगों ने पठनपुरवा गांव के पास मेहदावल रोड को जाम कर तीन घंटे तक जमकर उत्पात मचाया बावजूद इसके पुलिस शांत रही।
घटनाक्रम कुछ यूं है। पठनपुरवा गांव के पास इसी गांव के गुलाम नबी से कोतवाली क्षेत्र के ही ग्राम नरही निवासी तीन युवकों मदनेश दूबे, अंकित, सूर्य प्रकाश दूबे से विवाद हो गया। बात बढ़ते-बढ़ते मारपीट पर पहुंच गई। मौके पर नरही गांव का ही एक युवक और पहुंच गया, जो मारपीट कर रहे लोगों में बीच बचाव कराया। उसने नरही के युवकों को डांट कर वहां से भेज दिया। इतने में सूचना पठनपुरवा गांव में पहुंच गई। दर्जन भर लोग सड़क पर पहुंच गये और सड़क जाम कर दिये। इस दौरान वह हर आने जाने वाले वाहन को रोकते और यही कहते हुए चेक करते कि नरही गांव का कोई भी मिले उसे मार लो। उनकी इस दबंगई से आने जाने वाला हर व्यक्ति भयभीत हो जाता। मजे की बात तो यह है कि घटना के आधे घंटे बाद ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, पर वह इन्हें हटाने के बजाय सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा किये जा रहे फोन से सीधे मारपीट किये युवकों को पकड़ने निकल गई। नतीजतन मार्ग पर दबंगो का तांडव चलता रहा। तीन घंटे बाद यह तब शांत हुआ जब तीनों युवकों सहित बीचबचाव करने वाले को भी पुलिस पकड़ कर थाने ले आई। सड़क पर जमा हुजूम अब थाने पहुंच गया। इसमें सत्ता पक्ष के कई नेता भी आ गये। नतीजतन मारपीट की घटना में पुलिस को तीनों युवकों पर जहां 323, 504, 506, 336 व 7 क्रिमनल ला एमेडमेंट की कार्रवाई कर जेल भेजना पड़ा वहीं बचाने वाले को भी 151 के तहत जेल जाना पड़ा। पुलिस सत्ता पक्ष के दबाव में हुई यह पुलिस कार्रवाई नगर में चर्चा का विषय बना है। कोतवाल विजय शंकर शर्मा का कहना है कि कोई भी कार्रवाई किसी दबाव में नहीं की गई, जो भी किया गया है वह कानून के लिहाज से उचित था।