सूर्योदय के साथ बूथों पर दिखा मतदाताओं का उत्साह
श्रावस्ती : सुबह के सात बजे थे। मतदान शुरू हो इसके पहले ही जूनियर हाईस्कूल भिनगा में बने आदर्श मतदान
श्रावस्ती : सुबह के सात बजे थे। मतदान शुरू हो इसके पहले ही जूनियर हाईस्कूल भिनगा में बने आदर्श मतदान केंद्र पर मतदाताओं की लंबी कतार लग चुकी थी। यहां पर्दानशीं महिलाएं कतारबद्ध थीं तो वहीं छड़ी का सहारा लेकर वोट डालने आए 80 वर्षीय अब्दुल सकूर व फैजूला दंपत्ति। यहां आठ बजे तक छह फीसदी वोट पड़ चुके थे। नगर के ही अलक्षेंद्र इंटर कॉलेज में बने बूथ पर सुबह सात बजे भिनगा राजा चंद्रमणि कांत सिंह वोट डालने पहुंच चुके थे। यहां भी सुबह होते-होते कतार लंबी हो चली थी। यही हाल प्राइमरी स्कूल में बने बूथ का था।
जिलाधिकारी नितीश कुमार ने सुबह सात बजे आदर्श बूथ बगुरैया गलकटवा में मतदान करने के बाद जिले में भ्रमण के लिए लाव-लश्कर के साथ निकल पड़े। उनके साथ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार भट्ट भी थे। लक्ष्मनपुर मार्ग पर स्थित संग्रामगंज बूथ पर उत्सव जैसा माहौल था। बंठिहवा होते हुए लक्ष्मनपुर बाजार पहुंचने पर लोकतंत्र का उत्सव चटख होता नजर आया। यहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बने बूथ पर अच्छी खासी कतार लगी थी। यहां से सिरसिया ब्लॉक के सोनौढ़ा तराई गांव में बने बूथ पर मतदाताओं की कतार न के बराबर थी। यहां 11 बजे तक 30 फीसदी से अधिक 220 वोट पड़ चुके थे। इसी बीच उपजिलाधिकारी भिनगा सत्य प्रकाश वर्मा व क्षेत्राधिकारी पुलिस वीर सिंह सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने बीएलओ से बात की और उनका काफिला आगे की ओर बढ़ गया। तपसी इंटर कॉलेज सेमरहना में कड़ी सुरक्षा के बीच वोट डाले जा रहे थे। धूप चटख होने के बावजूद कतार में कोई कमी नहीं आई थी। जूनियर हाईस्कूल सिरसिया बाजार व प्राथमिक विद्यालय कोयलहवा में लोग एक-एक कर आते और वोट डालकर चले जाते। यहां जिला कृषि अधिकारी आरपी राना बतौर सेक्टर मजिस्ट्रेट सक्रिय मिले। उन्होंने बताया कि मतदान शांतिपूर्वक पड़ रहा है। आदिवासी जनजाति थारू बाहुल्य भचकाही, रनियापुर, गुलरा में भीड़ काफी हद तक छंट चुकी थी। प्राथमिक विद्यालय पटना खरगौरा, हरिहरपुररानी, प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर तहसील, तिलकपुर, रेवलिया, प्राथमिक विद्यालय बसंतापुर, खजुहा झुनझुनिया, मुड़फोरवा, नागरिक इंटर कॉलेज अमवा में बने बूथ पर शांतिपूर्वक वोट डाले जा रहे थे। नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज गिलौला, सुबिखा, चंद्रखा, हड़िल्ला, आदर्श मतदानकेंद्र लक्षमननगर, इकौना के ब्लॉक परिसर में बने मतदान केंद्र पर मतदाताओं की सुबह होते ही लंबी कतार लग गई। नेवरिया मतदान केंद्र पर भारी भीड़ देखी गई। जूनियर हाईस्कूल हरदत्तनगर गिरंट, शिकारी, जमुनहा पोलिंग बूथ पर मतदाताओं में मतदान के लिए काफी उत्साह दिखा।
घूंघट की 'ओट' से बरसे 'वोट' घूंघट की 'ओट' से विधानसभा चुनाव में 'वोट' बरसे। भिनगा व श्रावस्ती विधानसभा क्षेत्रों के कई गांवों में महिलाएं वोट डालने के लिए अपने परिवारीजनों के साथ आई तो उन्होंने गांव के बड़े बुजुर्गो को देख कर घूंघट कर लिया। तराई के गांवों में अब भी पर्दा प्रथा बरकरार है। इसका नजारा भी कई गांवों में मतदान के दौरान दिखा। पूरे गोकुल सिंह के चकवा गांव में कई महिलाएं घूंघट निकाल कर वोट डालने पहुंची थी। इसके अलावा लक्ष्मनपुर बाजार, गिलौला, इकौना, हरिहरपुररानी, जमुनहा ब्लॉक के कई गांवों में महिलाओं ने घूंघट की ओट से मतदान किया।
उत्साह से लबरेज दिखी युवा महिला मतदाता
संसू, इकौना : विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण में राजनीतिक दलों ने आधी आबादी को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने में भले ही कंजूसी दिखाई हो, लेकिन लोकतंत्र के इस महायज्ञ में अपनी आहुति डालने में महिलाएं पीछे नहीं रहीं। शहर हो या देहात सभी मतदान केंद्रों पर महिला मतदाताओं की लंबी लाइन लगी रही। वहीं युवा महिला वोटरों ने मतदान के प्रति खासा उत्साह दिखाया।
विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान में युवा महिला वोटरों ने जमकर उत्साह दिखाया। लोकतंत्र के महापर्व पर युवा को वोटरों ने उत्सव की तरह मनाया। मतदान शुरू होते ही सुबह से ही सज-धजकर युवा वोटर पोलिंग बूथ पर पहुंचने लगे और जमकर वोट डाला। खास कर पहली बार मतदाता बनी युवतियों ने पोलिंग बूथ पर पहुंच कर खुद ही वोट नहीं डाला बल्कि मतदान के बाद वोट के प्रति अरुचि दिखा रही घर में बैठी महिलाओं को वोट हमारी जिम्मेदारी का एहसास करवाकर पोलिंग बूथ तक भेज कर राष्ट्र के प्रति जागरूक नागरिक होने का फर्ज भी निभाया। कैलाशपुर मतदान केंद्र पर वोटर लिस्ट में नाम गायब होने के कारण मतदान डालने से वंचित पूजा, रीता आदि ने चुपचाप निराश होकर बैठ जाने के बजाय मतदान प्रतिशत बढ़ाने में भरपूर योगदान दिया। घरेलू काम का बहाना कर वोट डालने से आनाकानी कर रहीं घर में बैठी लगभग 70 महिलाओं को पोलिंग बूथ पर भेजा। जागरण से बातचीत करते हुए गांव की आयशा ने चहकते हुए कहा कि हम अपना मत देने से वंचित जरूर रह गए, लेकिन कई महिलाओं को बूथ तक पहुंचाने के बाद वोट न डाल पाने का मलाल कम हो गया।