वकीलों ने प्रदर्शन कर एडीएम को सौंपा ज्ञापन
श्रावस्ती : बार कौंसिल ऑफ इंडिया के निर्णय के विरोध में गुरुवार को अधिवक्ता सड़क पर उतर आए। जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। नारेबाजी करते हुए अधिवक्ता तहसील से कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान कलेक्ट्रेट के सामने सड़क पर अधिवक्ता धरने पर बैठ गए। इसके बाद महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंप कर निर्णय को वापस लेने की मांग की।
मॉडल डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जनार्दन प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि बार कौंसिल ऑफ इंडिया की ओर से 2010 एवं उसके बाद पंजीकृत अधिवक्ताओं की परीक्षा लिए जाने का निर्णय लिया गया है जो असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि इस दौरान पंजीकृत अधिवक्ताओं ने अपनी संपूर्ण धनराशि एकमुश्त जमा करके अपना पंजीयन करवाया तथा विधि व्यवसाय में कार्यरत है। उन्होंने कहा कि उ.प्र. सरकार व बार कौंसिल ऑफ उ.प्र. की ओर से आयोजित अधिवक्ता कल्याण निधि में भी एकमुश्त शुल्क जमा करके सदस्यता प्राप्त किया है। ऐसी दशा में बार कौंसिल द्वारा लिए गए निर्णय से कनिष्ठ अधिवक्ताओं के ऊपर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इस मौके पर संघ के पूर्व अध्यक्ष राम उग्गर मिश्र, दिनेश शुक्ल, दिनेश पाठक, दिनेश पांडेय, अशोक सिंह, उमाकांत तिवारी, ज्ञान प्रकाश सिंह, सतीश मौर्य, अनिल वर्मा, हारुन, राहुल तिवारी, पवन मौर्य, विकास पाठक, संजय तिवारी, शशि प्रताप सिंह, महेश मिश्र, सदानंद त्रिपाठी, अजय सिंह, अरविंद तिवारी, अंजुल पाठक आदि मौजूद रहे।
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