कहौ भैया, चुनाव कै का हाल है..
श्रावस्ती : बुद्ध की तपोस्थली श्रावस्ती का सियासी पारा ज्यों ज्यों चढ़ रहा है वहीं चुनाव की चर्चाएं भी जोर पकड़ती जा रही हैं। चौराहा, चौपाल व दुकान पर जहां भी चार लोग बैठे वहीं शुरू हो जाती है चुनाव की चर्चा। कोई जातीय समीकरण को पतवार बता रहा है तो कोई प्रत्याशी के छवि की बात करता है तो कोई लहर की नाव पर सवार होकर चुनावी वैतरणी पार करा रहा है। इसी परिचर्चा में लोगों की दुपहरिया नेवर जाती है। प्रस्तुत है लोगों के बातचीत की कानो सुनी रिपोर्ट-
गिलौला बाजार में एक किराना व्यापारी की दुकान पर गुरुवार को दोपहर में ग्राहकों का जमावड़ा था। सुविखा गांव से आए मुन्नाराम मिश्र ने पहुंचते ही बोले कहौ भैया चुनाव कै का हाल है। बस यहीं से शुरू हो जाती है परिचर्चा। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए मुन्ना राम मिश्र कहते हैं कि चुनाव मा वोट चाहे जेहिका दयदेव लउट कै भैया कोई मुंह नाय देखावत है। चुनाव के समय तौ भैया दादा, काका कहिकै वोट बटोर लेते हैं और जीतै के बाद अपनै भला करैमा लग जात हैं। इतना सुनते ही हरिवंशपुर के राम केवल बोल उठे ठीक कहत हौ भैया-जाति-पाति कै सबै नेता हवाला दइकैहम लोगन का लूट लेत हैं अउर जीतै कै बाद सब विरादरी भुलाय जात हैं कोई हाल पूछै नाय आवत है। चाहे मरौ चाहे जियो। न दवाई है न पढ़ाई और न अस्पताल। इस चर्चा में मसढ़ी के सोहबत अली अपनी बातों को शामिल करते हुए कहते हैं कि गांव मा न सड़क है न पानी। का मुसीबत है इका कोई नाय पूछत है। सब वोट मांगै आवत हैं अउर बड़वार-बड़वार वादा करत हैं लेकिन कुछू पूरा होत नाय देखात है। सबकी सुनने के बाद जब दुकानदार विजय जायसवाल से नहीं रह गया तो वह भी बोल पड़े कि तब काहे सोच समझकर मतदान नहीं करत हो। अबकी भैया सब लोग जात, पात व मजहब से हटकर विकास के लिए वोट डालना जिससे अच्छी व मजबूत सरकार बने और क्षेत्र व देश का विकास हो।