शिक्षा अनमोल उजियारा, इसे अपनाएं उलेमा
कैराना : विश्वविख्यात शिक्षण संस्थान दारुल उलूम वक्फ देवबंद के प्रचारक मौलाना मेहरदीन कासमी ने कहा क
कैराना : विश्वविख्यात शिक्षण संस्थान दारुल उलूम वक्फ देवबंद के प्रचारक मौलाना मेहरदीन कासमी ने कहा कि अज्ञानता के अंधियारे को दूर करने के लिए समाज में शिक्षा एक अनमोल वचन है। लिहाजा आज के आधुनिक युग में दीनी और दुनियावी दोनों शिक्षा प्राप्त कर ज्ञानता को प्रगति दी जाए।
मामौर गांव में शनिवार को शिक्षण संस्थान मदरसा दारुल उलूम रहमानिया में वार्षिक इलास-ए-आम का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि मौलाना मेहरदीन ने फरमाया कि पवित्र कुरआन की प्रथम आयत 'इकरा' है, जिसकी परिभाषा 'पढ़ो' है। अल्लाह ने पूरी दुनिया को कुरआन-ए-पाक में ज्ञान हासिल करने का हुक्म दिया है। इसलिए हमें अपनी नई पीढ़ी को भी आज के आधुनिक युग को देखते हुए उच्च शिक्षा दिलानी चाहिए, जिससे वे अपने वाले समय में देश के विकास में कदम बढ़ा सकें। नशाखोरी, जुआ, सट्टेबाजी के खिलाफ हमें अभियान चलाकर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। मौलाना अब्दुल बासित ने कहा कि आज वो जमाना आ गया है कि बेटा, बाप की नहीं सुनता है। उनकी कद्र व इज्जत तक का भी उन्हें ज्ञान नहीं है। हमारे बहुत से युवाओं को यह भी खबर नहीं कि मां के कदमों तले जन्नत है और बाप को जन्नत का दरवाजा बताया गया है। इसलिए अपना भविष्य संवारने के लिए शिक्षा को आम किया जाए। मुफ्ती खलील अहमद ने कहा कि इस्लाम धर्म ने सदैव अमन का पैगाम दिया है। देश में ¨हदू-मुस्लिम भाई-भाई की तरह रहते हैं, लेकिन कुछ शरारती हमारे बीच दरार पैदा करने चाहते हैं। इसके खिलाफ भी हमें एकजुटता के साथ अभियान चलाना चाहिए। इनके अलावा मौ. वासिल, मौ. खलील, मुफ्ती अब्दुल गनी, मौ. जब्बार, मौ. मसीहुल्लाह ने भी शिक्षा के प्रति अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में चार छात्र सुहेब, इमरान, मुस्तकीम व शमीम को हाफिज-ए-कुरआन की उपाधि से नवाजा गया।
विशेष दुआ की
कार्यक्रम के अंत में मौलाना वाहिद की विश्व शांति, राष्ट्र एकता एवं अखंडता, आपसी भाईचारा तथा उन्नति के लिए विशेष दुआ पर जलसे का समापन कर दिया गया। यहां मौ. जाहिद हसन, मौ. अब्दुल वाहिद व मौ. साजिद मौजूद रहे।