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आरा मशीन प्रकरण: जांच को पहुंचे कंजरवेटर, हड़कंप मचा

शामली : जिलाधिकारी के आदेश पर शामली में वन विभाग द्वारा अवैध आरा मशीनों के खिलाफ चलाए एक दिवसीय अभिय

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 12:32 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 12:32 AM (IST)
आरा मशीन प्रकरण:  जांच को पहुंचे कंजरवेटर, हड़कंप मचा

शामली : जिलाधिकारी के आदेश पर शामली में वन विभाग द्वारा अवैध आरा मशीनों के खिलाफ चलाए एक दिवसीय अभियान के दम तोड़ने के कारणों का पता लगाने के लिए सहारनपुर रेंज के कंजरवेटर ने निरीक्षण किया। कंजरवेटर के निरीक्षण से शामली वन विभाग के अधिकारियों के होश उड़े रहे। हालांकि विभागीय अधिकारी निरीक्षण की बात दोहराते रहे, लेकिन औचक निरीक्षण का सच कुछ और ही था। कंजरवेटर के औचक निरीक्षण के खौफ के कारण विभागीय बाबू फाइलों में खोए रहे और बाबूओं द्वारा पेश की फाइलों की कंजरवेटर ने पर्दे के पीछे बैठकर जांच-पड़ताल की।

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शामली में पिछले लंबे अर्से से दर्जनों अवैध आरा मशीनों का खुलेआम संचालन हो रहा था। शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने वन विभाग अधिकारियों को पुलिस व प्रशासन की मदद से अवैध आरा मशीनों को उखाड़ने का आदेश दिया। जिलाधिकारी के आदेश पर कार्रवाई कर चार अवैध आरा मशीनों को उखाड़ा, लेकिन अभियान ने वन विभाग के अधिकारियों व लकड़ी माफिया के बीच गठजोड़ की पोल खोल दी। वन विभाग ने अधिकारियों की टीम की मौजूदगी में आरा मशीनों के परिसर से लाखों रुपये की कीमती शीशम, नीम व आम के कटे पेड़ों की लकड़ी बरामद की।

विभागीय अधिकारियों ने लकड़ी कब्जे में लेने के बजाय लकड़ी माफियाओं के दबाव में आरा मशीन मालिकों की ही सुपुर्दगी में दे दी। दैनिक जागरण ने विभागीय अधिकारियों व लकड़ी माफिया के गठजोड़ को प्रमुखता से प्रकाशित किया। शुक्रवार को सहारनपुर रेंज के कंजरवेटर सुनील चौधरी ने कार्यालय पहुंचकर औचक निरीक्षण किया। हालांकि विभागीय अधिकारी कंजरवेटर के औचक निरीक्षण की बात कहते हैं, लेकिन इसके पीछे का सच कुछ और ही है। सूत्रों के अनुसार कंजरवेटर ने शामली में अवैध आरा मशीनों के खिलाफ विभाग द्वारा पिछले कई माह में कार्रवाई व हाल ही में जिलाधिकारी के आदेश पर चलाए अभियान में लकड़ी बरामद होने से लेकर उखाड़ी आरा मशीनों के खिलाफ कार्रवाई की जांच पड़ताल की है। दोपहर से लेकर शाम तक चली जांच पड़ताल का आलम यह था कि बाबू फाइलों को चंद मिनटों में पूरा कर रहे थे और साहब, कार्यालय के गेट पर लटके पर्दे के पीछे फाइलों की जांच पड़ताल करते रहे। उधर पर्दे के पीछे चल रही जांच पड़ताल के बारे में शामली वन विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे रहे। जांच पड़ताल के दौरान कंजरवेटर के साथ डीएफओ एचवी गिरीश भी मौजूद रहे।

फाइलों में खोए रहे अफसर, चलती रही आरा मशीन

कंजरवेटर सुनील चौधरी सहारनपुर से जांच पड़ताल में शामली आकर ऐसे खोए कि उन्हें शामली में चल रही अवैध आरा मशीनें दिखाई नहीं दी। कई माह पूर्व जिलाधिकारी कार्यालय से पहले एसटी तिराहे पर चल रही आरा मशीन शुक्रवार को बादस्तूर चलती रही। यह हालात तब है जब हाल ही में जिलाधिकारी के आदेश पर चलाए अभियान के दौरान आरा मशीन को बंद करा दिया था।

मीडिया से नहीं मिले अधिकारी

शामली वन विभाग कार्यालय में पर्दे के पीछे चल रही जांच पड़ताल ने दोपहर से शाम तक सभी विभागीय अधिकारियों के होश उड़ाए रखे। सभी कर्मचारियों में हाल ही आरा मशीन उखाड़ने में उजागर हुई खामियों का जिक्र था। जांच पड़ताल में जुटे अधिकारियों ने कार्रवाई को छिपाने के लिए मीडिया कर्मियों से दूरी बनाए रखी।

वेतन मांगने गए कर्मचारियों से बनाई दूरी

जनपद के वन विभाग में पिछले कई वर्षो से सेवा करते चल आ रहे ब्रहमदास व राजकुमार को विभागीय अधिकारियों ने वेतन को लेकर परेशान किया है। कई माह से वेतन न मिलने के कारण दोनों का परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गया। राज कुमार को कुछ माह का बकाया वेतन दिया, लेकिन ब्रहमदास अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए वेतन दिलाने की गुहार लगाता घूम रहा है। शामली से लेकर लखनऊ तक गुहार लगाने के बाद भी कार्रवाई ठंड़े बस्ते में है। जांच पड़ताल करने पहुंचे कंजरेवटर से मिलने पहुंचे दोनों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विभागीय अधिकारियों ने कई घंटे बैठाए रखा। अधिकारियों तक उनकी पुकार नहीं पहुंचाई। उनकी पर्ची फाड़ दी गई।


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