मावा विक्रेता पर 35 हजार का अर्थदंड
शामली : अपर जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मिलावटखोरी के आरोप में मावा विक्रेता को दोषी मानकर मावा विक्रेता पर 35 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। खाद्य विभाग की छापेमारी के दौरान लिए नमूने का सैंपल फेल होने के बाद दायर हुए वाद पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह कार्रवाई की है। कोर्ट ने आदेश दिए है कि ऐसी दशा में भू राजस्व की तरह वसूली की जाए।
अपर जिला मजिस्ट्रेट भरत जी पांडेय की कोर्ट ने मावा विक्रेता पर दोष सिद्ध होने पर 35 हजार रुपये के अर्थदंड का फैसला सुनाया है। खाद्य निरीक्षक श्रीप्रकाश के मुताबिक, आठ अगस्त 2013 को खाद्य विभाग की छापेमारी में नवीन नगर तहसील कैंपस के पीछे शकील के बर्फखाने में अशोक कुमार पुत्र बुद्ध सिंह निवासी झाड़खेड़ी थाना कैराना का मावा मिला था। खाद्य टीम ने मावा का नमूना ले लिया और जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया। विशेष जांच रिपोर्ट में मावा का नमूना अधोमानक पाया गया। खाद्य विभाग ने अशोक कुमार को दोबारा जांच कराने के लिए नोटिस भेज दिया, लेकिन उसने नमूने की जांच नहीं कराई। इस पर अभिहित अधिकारी शामली द्वारा वाद स्वीकृत होने के उपरांत अपर जिला मजिस्ट्रेट/न्याय निर्णयन अधिकारी की कोर्ट में वाद दायर किया गया था। अपर जिला मजिस्ट्रेट ने सुनवाई व विभिन्न परीक्षणों के उपरांत अशोक कुमार को दोषी मानते हुए 35 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिए है कि जुर्माने की राशि हर हाल में निर्धारित अवधि में जमा होनी चाहिए। यदि जुर्माना जमा न किया गया तो भू राजस्व की भांति इसकी वसूली की जाएगी।