चार दिन में दर्ज नहीं हुए किसी के बयान
शाहजहांपुर : वाजिदखेल मुहल्ले में प्रतिबंधित मांस बरामद होने के मामले में मजिस्ट्रेट के सक्षम बयान दर्ज कराने को एक भी व्यक्ति आगे नहीं आया। मजिस्ट्रेटी जांच के लिए दो सितंबर तक का वक्त है। डीएम ने 26 अगस्त को ही मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश देते हुए एडीएम प्रशासन शिवपूजन को जिम्मेदारी सौंप दी थी।
शहर में 24 अगस्त की रात प्रतिबंधित मांस की तस्करी का मामला प्रकाश में आया था। सुबह सूचना सार्वजनिक हुई तो जनभावना भड़क उठी। गुस्साए लोगों ने तत्कालीन इंस्पेक्टर वीरेंद्र यादव पर मीट तस्करी में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए जाम लगा दिया। डीएम ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए। जांच एडीएम प्रशासन शिवपूजन को सौंपी गई। एडीएम ने जनसामान्य को बयान दर्ज कराने के लिए एक विज्ञप्ति जारी कर दी। सुनवाई के लिए दो सिंतबर तक की तिथि मुकर्रर की गयी।
चार दिनों में एक व्यक्ति भी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा। जबकि बयान दर्ज कराने तीन दिन बचे हैं। एडीएम प्रशासन ने बताया कि बयान दर्ज कराने कोई नहीं पहुंचा है। बयान दर्ज कराने पर ही किसी निष्कर्ष तक पहुंचा जा सकता है।
मुसीबत में बाला तिराही मुहल्ले के बाशिंदे
शाहजहांपुर : वाजिदखेल में बीते दिनों हुए बवाल के बाद मुहल्ले वालों की मुसीबत बन गई है। प्रतिबंधित मांस पकड़वाने वालों को ही पुलिस पूछताछ के लिए उठा रही है। यहां कुछ शरारती तत्वों ने अमन बिगाड़ने के लिए आगजनी की थी। उसकी खीझ पुलिस बाला तिराही के लोगों पर निकाल रही है।
पांचवे दिन भी एलर्ट रहा प्रशासन
शाहजहांपुर : वाजिदखेल मुहल्ले में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी चौथे दिन भी एलर्ट रहे। सिटी मजिस्ट्रेट सीताराम गुप्त, सीओ सिटी राजेश्वर सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी पर रहे। इलाके में हालात सामान्य हो चला है। पुलिस की मौजूदगी से आते-जाते लोग जरूर घटना के बारे में चर्चा कर लेते हैं।